- प्रोटोकॉल न होने से खत्म हुई छूट्टी के दिन वर्दी की बाध्यता

- वीआईपी ड्यूटी से कप्तान से लेकर डीजीपी को राहत

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DEHRADUN: उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगने से जहां एक तरफ राजनैतिक उठापठक जोरों पर है, वहीं दूसरी ओर पुलिस अधिकारियों को वीआईपी ड्यूटी से बड़ी निजात मिली है। स्थिति यह है कि पुलिस के आला अधिकारियों को छुट्टी के दिन वर्दी पहनने की बाध्यता फिलहाल खत्म होती हुई नजर आ रही है। बता दें कि अन्यदिनों में सरकार के रहते हुए वीआईपी मूवमेंट के चलते पुलिस अधिकारियों को प्रोटोकॉल के तहत छुट्टी के दिन भी वर्दी में रहना पड़ता था।

पेंडिंग कामों को निपटा रहे अधिकारी

बीते ख्7 मार्च से प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद से वीआईपी ड्यूटी कम होने के बाद जो भी समय पुलिस के आला अधिकारियों को मिल रहा है, उस का फायदा आम जनता को मिल रहा है। लिहाजा पुलिस अधिकारी इतने अतिरिक्त समय में जनता की समस्याओं को सुनने के साथ ही विभागीय कामों पर पूरा फोकस कर रहे हैं। दरअसल देहरादून में राजधानी होने की वजह से हर दिन प्रोटोकॉल के तहत आने वाले राजनेताओं के कार्यक्रमों की लंबी लिस्ट होती है। खासतौर से बीते दिनों देखने में आया है कि प्रदेश के तत्कालीन सीएम हरीश रावत के संडे के दिन शहर में अनेक कार्यक्रम प्रोटोकॉल में लगे रहते थे। जिसकी वजह से शहर, जिले और प्रदेश के बड़े पुलिस अधिकारी को कार्यक्रम में उपस्थित होना बाध्यता बन जाती थी।

क्या होता है प्राेटोकॉल?

प्रोटोकॉल का असल मतलब किसी विशेष पद पर रहने वाले व्यक्ति के आदर सत्कार से जुड़ा हुआ है। प्रदेश स्तर पर इसमें मुख्य रुप से राज्यपाल, मुख्यमंत्री, जस्टिस, केन्द्रीय मंत्री, विधानसभा स्पीकर समेत नामी अभिनेता भी शामिल होते हैं। इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष और कैबिनेट मंत्रीयों को भी इस कैटेगरी में शामिल किया गया है।