देहरादून (एएनआई)। उत्तराखंड पुलिस ने कोविड-19 रोगियों के लिए ऑक्सीजन, बेड और प्लाज्मा प्राप्त करने में लोगों की मदद करने के लिए मिशन हौसला नामक एक कैंपेन शुरू किया है। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि इसके अलावा पुलिस जनता को राशन, एम्बुलेंस, शव का अंतिम संस्कार कराने में भी मदद कर रही है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि समाज में कई लोग हैं जो मदद करना चाहते हैं और ऐसे कई लोग हैं जिन्हें मदद की जरूरत है। ऐसे में पुलिस इन दोनों को मिलाने के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमने 1 मई को इस मिशन की शुरुआत की थी और इसे 10 दिन पूरे हो गए हैं। अब तक हमें 10 दिनों में 4 हजार 365 कॉल मिले हैं और रविवार को हमें अकेले राज्य में 649 कॉल मिले।

ये दो नंबर आपातकालीन संपर्क के लिए उपलब्ध

पुलिस महानिदेशक ने यह भी बताया कि राज्य के सभी जिलों में उनके दो टोल-फ्री नंबर हैं - 112 और 9411112701 - ये दो नंबर आपातकालीन संपर्क के लिए उपलब्ध हैं। डीजीपी ने आगे कहा कि कर्फ्यू के कारण लोगों की आवाजाही संभव नहीं है। इसलिए उत्तराखंड के प्रत्येक पुलिस स्टेशन को मिशन के लिए नोडल पुलिस स्टेशन बनाया गया है और इन पुलिस स्टेशनों को उन लोगों की पहचान करने के लिए कहा गया है जो मदद प्रदान करने के लिए तैयार हैं और जिन्हें मदद की जरूरत है। रविवार को 116 ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराए गए हैं और अब तक पुलिस ने 665 सिलेंडर उपलब्ध कराए हैं।

मिशन हाैसला के तहत पुलिस ने की इनकी मदद

डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि हम इस मिशन द्वारा ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं। अस्पतालों में बिस्तर प्राप्त करना हमारे लिए सबसे मुश्किल काम है क्योंकि अस्पताल में बिस्तर उपलब्ध नहीं हैं। हालांकि आपातकालीन मामलों में हम भी बिस्तर पाने की कोशिश कर रहे हैं। अब तक 101 लोगों को प्लाज्मा प्राप्त करने में मदद की गई है, 5460 लोगों को दवाई दिलाने में मदद की गई है, 157 लोगों को एम्बुलेंस प्राप्त करने में और 5000 से अधिक लोगों को राशन दिया गया है। अब तक 289 कोविड ​​-19 पॉजिटिव शवों का पुलिस ने अंतिम संस्कार किया है। हमने 417 वरिष्ठ नागरिकों से भी संपर्क किया है जो अकेले हैं और हम 'मिशन हौसला' के तहत उनकी देखभाल करते हैं।

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