देहरादून (एएनआई)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून की जिला जेल में आयोजित नशामुक्ति कार्यशाला 'मिशन नशा मुक्त देवभूमि' का शुभारंभ किया। इस दाैरान उन्होंने कहा कि नशे की लत एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। हमारा संकल्प है कि 2025 तक देवभूमि का एक भी व्यक्ति नशे का आदी नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के अभियान को महाअभियान बनाना है और इस प्रक्रिया में प्रदेश के प्रत्येक निवासी का योगदान महत्वपूर्ण है। इस संकल्प की सिद्धि के लिए सरकार के साथ-साथ समाज, युवाओं, गैर-सरकारी संगठनों, मशहूर हस्तियों, सफल लोगों और विभिन्न सामाजिक-शिक्षण संस्थानों को आगे आना होगा और मिलकर काम करना होगा।

जेल रेडियो के माध्यम से संदेश

सीएम धामी ने प्रदेश के युवाओं से कहा कि वे नशे के दुष्प्रभावों से दूसरों को भी अवगत कराएं। मुख्यमंत्री ने जिला कारागार में वेदांता फाउंडेशन के सौजन्य से संचालित कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र, कारागार अलंकार प्रदर्शनी, महिला बंदियों द्वारा हस्त निर्मित प्रदर्शनी तथा कारागार में व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने बंदियों का हालचाल जाना और उन्हें सकारात्मक सोच अपनाने को कहा। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि भविष्य में भी जेलों में निर्मित उत्पाद स्थानीय बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। मुख्यमंत्री धामी ने जेल से संचालित दून जेल रेडियो के माध्यम से अपना संदेश दिया।

जेल भी समाज का हिस्सा

मुख्यमंत्री ने जेल को भी समाज का हिस्सा बताते हुए कहा कि कैदियों को जेल को तपस्या और सुधार का स्थान मानना चाहिए और भविष्य में सकारात्मक सोच के साथ समाज की मुख्य धारा से जुड़कर राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का संकल्प लेना चाहिए। सरकार का संकल्प है कि 2025 में जब हम राज्य की स्थापना की रजत जयंती मना रहे हैं, हमारा राज्य पूरी तरह से नशा मुक्त हो जाए। हम हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य होंगे। उत्तराखंड भी एक भारत श्रेष्ठ भारत के अभियान में अपना अमूल्य योगदान देगा। कारागारों में नशा करने वालों को भी रखा जाता है, जिनका रखरखाव या देखभाल जेल प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है।

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