देहरादून (ब्यूरो) बरसात के मौसम में दून शहर की कई मुख्य सड़कें और कॉलोनियां तालाब बन जाती है। घरों में पानी घुसने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। सड़कों को चलने फिरने में भी लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पूरे देहरादून शहर में ड्रेनेज सिस्टम को दुरूस्त करने की तैयारी चल रही है। दून शहर के सभी 100 वार्डों को इसमें शामिल किया गया है।

सिंचाई विभाग को जिम्मा
इरीगेशन वक्र्स सर्किल रूड़की की ओर से मास्टर ड्रेनेज प्लान तैयार किया जा रहा है। निविदा की प्रक्रिया पूरी करने के बाद विभाग ने सर्वे का काम पुणे की कंपनी वैंकटेश्वर एंटरप्राइजेज कंसलटेंट एंड फीड बैक इंफ्रा प्राईवेट लिमिटेड को सौंपा गया है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कंपनी ने सर्वे का प्रथम चरण का काम पूरा कर लिया है।

तीन नदियों में टेप किया जाएगा पानी
दून में वाटर स्टोर्म प्रोजेक्ट को तीन जोन में बांटा गया है। सौंग, सुसवा और आसन नदी में पूरे शहर के बरसाती पानी को छोड़ा जाएगा। रायपुर क्षेत्र के ड्रेनेज को सौंग नदी से जोड़ा जाएगा, जबकि शहर के बीच वाले इलाके घंटाघर क्षेत्र को सुसवा नदी और शिमला बाईपास क्षेत्र के ड्रेनेज को आसन नदी और इससे जुड़े गंदे नालों में टेप किया जाएगा।

दो ड्रेनेज फॉल पूरे
स्मार्ट सिटी के तहत लैंसडौन, सहारनपुर चौक और रेसकोर्स आउट फॉल डे्रनेज का काम चल रहा है। 1429 मीटर लंबाई के इन तीनों की लागत करीब 10 करोड़ रुपये है। सहारनपुर चौक के ड्रेनेज को भंडारी बाग वाले गंदे नाले में छोड़ा जाएगा। इसकी लंबाई 288 मीटर है। जबकि रेसकोर्स को 829 मीटर दूर चंदर नगर नाले और लैंसडाउन चौक को 512 मीटर दर्शन लाल चौक में छोड़ा जाएगा। बताया जा रहा है कि बाद में ये आउट ऑफ फाल ड्रेनेज मास्टर ड्रेनेज प्लान से जुड़ जाएगी।

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