देहरादून (ब्यूरो) बिल्डर और डेवलेपर एमडीडीए से प्लॉॅटिंग स्वीकृत किए बिना ही प्लॉॅटिंग कर रहे हैं। ऐसे बिल्डरों के खिलाफ एमडीडीए ने अब सोशल मीडिया से भी वॉच रखना शुरू कर दिया है। एमडीडीए के वीसी बंशीधर तिवारी ने कहा कि अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ अभियान चलाकर लगातार कार्रवाई की जा रही है। अभियान को और तेज कर जहां कहीं भी इलीगल प्लॉटिंग और निर्माण है उसे भी ध्वस्त किया जाएगा।

एग्रीकल्चर लैंड पर प्लॉॅटिंग
एमडीडीए से प्लॉटिंग की भूमि स्वीकृत कराने के लिए आर-3 लैंड होनी जरूरी होती है, लेकिन अभी तक पकड़ी गई अधिकांश अवैध प्लॉॅटिंग आर-3 लैंड से बाहर है। नियमानुसार कृषि भूमि पर आवासीय प्लॉट की अनुमति नहीं मिलती। इसलिए बिल्डर गुपचुप तरीके से एग्रीकल्चर लैंड में प्लॉॅटिंग कर बेच रहे हैं। बाद में प्लॉट लेने वालों को परेशानियां उठानी पड़ती है। बिल्डर आस-पास बसी कालोनियों की जमीन के कम भाव से प्लॉॅट, दुकान, मकान, फ्लैट बेचकर लोगों को लालच के फेर में फंसा रहे हैं। मकान बनने के बाद पब्लिक के विरोध के चलते एमडीडीए भी कार्रवाई नहीं कर पाता है।

सहस्रधारा एरिया टॉप पर
दून में सहस्रधारा क्षेत्र में सबसे अधिक इलीगल प्लॉटिंग के मामले सामने आ रहे हैं। यहां यूपी और दिल्ली समेत कई अन्य प्रदेशों के लोग खूब बस रहे हैं, जिससे बिल्डर इस क्षेत्र में गिद्ध दृष्टि जमाए हुए है। इसके बाद शिमला बाईपास क्षेत्र में अवैध प्लॉॅटिंग का कारोबार चरम पर है। शहर के अंदर जमीन काफी कम रह गई है। जो हैं भी वह बेहद महंगी है। इसलिए पहाड़ों से आने वाले लोग शहर के आउटर वाले इलाकों में बस रहे हैं। सहस्रधारा एरिया पर्यटन के लिहाज से काफी मशहूर है। इसलिए इस क्षेत्र में बड़ी-बड़ी सेलिब्रिटीज बस रही है। यही वजह है कि यहां सबसे अधिक हाउसिंग प्रोजेक्ट भी है। कई सरकारी दफ्तर यहां हैं। कई सेलिब्रिटीज सहस्रधारा और मसूर डायवर्जन क्षेत्रों में जमीन और फ्लैट खरीद चुके हैं। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुंबई, हरियाणा और पंजाब के लोग पार्टनरशिप में जमीन खरीद कर बेच रहे हैं।

वेबसाइट पर सूची अपलोड
एमडीडीए ने बिल्डरों पर शिकंजा कसते हुए जिन-जिन इलाकों में इलीगल प्लॉटिंग की जा रही उनकी लिस्ट अपनी वेबसाइट पर अपलोड की है। इसमें बिल्डरों के नाम भी शामिल हैं। कोई भी व्यक्ति जमीन लेने से पहले एमडीडीए की साइट पर जाकर चेक कर सकता है कि कहीं वह इलीगल प्लॉटिंग में तो जमीन नहीं खरीद रहे। एमडीडीए ने लोगों को आगाह किया है कि लिस्ट में जारी खसरा नंबर की जमीनों में पड़ताल के बाद ही जमीन खरीदें।


एमडीडीए अवैध प्लॉॅटिंग के खिलाफ लगातार अभियान चलाकर कार्रवाई कर रहा है। चालानी कार्रवाई के बाद भी यदि अवैध प्लॉॅटिंग और निर्माण पाया जा रहा है, तो उसे तत्काल ध्वस्त किया जा रहा है। अवैध प्लॉटिंग करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
बंशीधर तिवारी, वाइस चेयरमैन, एमडीडीए

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