ऑर्गनाइज हुए programs

परेड ग्राउंड में ध्वजारोहण करने के बाद गवर्नर और सीएम ने महिला एसएसबी, आईटीबीपी, उत्तराखंड पुलिस और एनसीसी कैडेट्स की परेड की सलामी ली। इस दौरान राज्य की विकास यात्रा को दिखाती हुई झांकियों ने सबका मन मोह लिया। इस बार झांकियों में सबसे खास नंदा राज जात यात्रा की झांकी रही। उधर, सीएम हाउस में सुबह नौ बजकर 45 मिनट में सीएम ने ध्वजारोहण किया। उन्होंने कहा कि अनगिनत देशभक्तों के त्याग व बलिदान के बाद हमें आजादी मिली है। जिसके बाद ही 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू किया गया।

लोकायुक्त और ष्टस् ने किया ध्वजारोहण

लोकायुक्त ऑफिस में न्यायमूर्ति एमएम घिल्डियाल ने ध्वजारोहण किया। जबकि सीएस आलोक जैन ने सचिवालय परिसर में ध्वजारोहण किया। न्यायमूर्ति घिल्डियाल ने कहा कि हमें अपने स्वतंत्रता संग्राम सैनिकों का आभार मानना चाहिए, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर इस देश को आजाद कराया। सीएस ने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने जो संकल्प लिए थे, उन्हीं को हम आज के दिन दोहराते हैं।

DM ने दिया message

डीएम बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने कलेक्ट्रेट कैंपस में ध्वजारोहण कर मौजूद ऑफिसर्स और एंप्लॉइज को भारतीय गणतंत्र का संकल्प दोहराया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमें अपने कर्तव्यों का भी निर्वहन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस ऑफिसर और एंप्लॉई को जो दायित्व सौंपा गया है, उसका निर्वहन निष्पक्ष तरीके से करें। यही असली देश सेवा है।

झंडारोहण में मच गया हड़कंप

गणतंत्र दिवस के अवसर पर परेड ग्राउंड में जैसे ही गवर्नर ने ध्वजारोहण किया हड़कंप मच गया। असल में, गवर्नर ने जिस सहायक की मदद से तिरंगे को फहराने के लिए डोर खींची, वैसे ही झंडा नीचे आ गया। जोर से डोर खींचने के कारण यह स्थिति बनी। आनन-फानन में झंडे को दुबारा सम्मानित स्थान पर पहुंचाया गया, लेकिन झंडे के नीचे आते ही प्रशासन सकते में आ गया।