- जिले में अब तक मरने वालों की संख्या हुई 76

- केवल दून हॉस्पिटल में ही डेथ केस 27

देहरादून।

अगस्त में कोरोना काल बनकर कहर बरपा रहा है। अगस्त के 8 दिन के भीतर ही 31 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। दून में कोरोना का पहला केस मई में कोरोना से एम्स हॉस्पिटल में पहले कोरोना पेशेंट की मौत हुई थी, दून हॉस्पिटल में कोरोना से मौत का पहला मामला जून में आया था। 31 जुलाई तक जिले में 47 कारोनो संक्रमितों की मौत हुई थी। अब ये आंकड़ा 76 तक पहुंच गई है। हेल्थ डिपार्टमेंट बढ़ते मॉर्टेलिटी रेट को लेकर चिंतित है।

8 दिन में 31 मौत

2 अगस्त - एक महिला और दो पुरुष।

3 अगस्त - एक महिला एक पुरुष

4 अगस्त - एक महिला एक पुरुष

6 अगस्त - चार मौतें।

7 अगस्त - चार महिला तीन पुरुष

8 अगस्त - सात मौतें।

9 अगस्त - छह मौतें।

एज ब्रैकेट- मौत

20- 30 वर्ष - 3

30- 50 वर्ष - 8

50 - 60 वर्ष - 9

60- 70 वर्ष - 6

70- 80 वर्ष - 5

दून हॉस्पिटल में ज्यादा मौत

से 9 अगस्त के बीच दून हॉस्पिटल में ज्यादा मौते हुईं। दून हॉस्पिटल में इस दौरान 17 लोगों की जान गई, जबकि एम्स ऋषिकेश में इस दौरान 13 डेथ केस सामने आए। जबकि एक मौत का मामला हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में हुई।

दून हॉस्पिटल में 20 मई से अब तक 27 मौतें

20 मई - महिला - 30 वर्ष

25 मई - पुरुष - 48 वर्ष

6 जून - पुरुष - 80 वर्ष

11 जून - पुरुष- 70 वर्ष

23 जून - पुरुष - 52 वर्ष

24 जून - पुरुष - 75 वर्ष

25 जून - पुरुष - 34 वर्ष

28 जून - पुरुष - 72 वर्ष

10 जुलाई- पुरुष - 55 वर्ष

20 जुलाई - महिला- 46 वर्ष

24 जुलाई - महिला - 70 वर्ष

28 जुलाई - पुरुष - 56 वर्ष

17 जुलाई - पुरुष - 42 वर्ष

26 जुलाई - पुरुष - 68 वर्ष

28 जुलाई - महिला - 56 वर्ष

31 जुलाई - पुरुष - 44 वर्ष

28 जुलाई - महिला - 55 वर्ष

29 जुलाई - पुरुष - 76 वर्ष

31 जुलाई - महिला - 62 वर्ष

31 जुलाई - पुरुष - 73 वर्ष

1 अगस्त - महिला - 71 वर्ष

4 अगस्त - महिला - 62 वर्ष

5 अगस्त - महिला - 50 वर्ष

6 अगस्त - महिला - 63 वर्ष

6 अगस्त -पुरुष - 37 वर्ष

7 अगस्त - पुरुष - 40 वर्ष

8 अगस्त- पुरुष - 62 वर्ष

8 अगस्त - पुरुष - 57 वर्ष

8 अगस्त - पुरुष - 45 वर्ष

8 अगस्त - महिला - 58 वर्ष

8 अगस्त - महिला - 65 वर्ष

9 अगस्त - पुरुष - 75 वर्ष

9 अगस्त - पुरुष - 53 वर्ष

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यहां पर पेशेंट सीरियस कंडिशन में आते हैं। कई पेशेंट ऐसे भी है जिन्हें कोई न कोई दूसरी बीमारी भी होती है। कोरोना संक्रमित होने पर उनकी इम्युनिटी और गिर जाती है और उन्हें बचाना मुश्किल हो जाता है।

- डॉ अनुराग अग्रवाल, नोडल अधिकारी कोरोना, देहरादून।