- बीते वर्ष 9 दिसंबर से हड़ताल पर हैं प्रदेश की आंगनबाड़ी वर्कर्स
- 9 सूत्रीय मांगों को लेकर हैं हड़ताल पर, मां-बच्चों को नहीं मिल रहा पोषाहार
- 20 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी सेंटर्स पर लटके हैं ताले
देहरादून।
आंगनबाड़ी वर्कर्स की हड़ताल के कारण प्रदेश के 11 लाख से ज्यादा मां-बच्चे एक माह से भी ज्यादा समय से पोषाहार के लिए तरस रहे हैं। आंगनबाड़ी वर्कर्स अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर बीते 9 दिसंबर से हड़ताल पर हैं, मांगे पूरी होने तक उन्होंने आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है, इसके चलते प्रदेश के 20 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताला लटका हुआ है। न तो प्रसूताओं को पोषाहार मिल रहा है, न बच्चों को। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों का वैक्सीनेशन भी नहीं किया जा रहा। हड़ताल के कारण सरकार की कुपोषण से जंग कमजोर पड़ती जा रही है।
आंगनबाडि़यों में ये काम ठप
सप्लीमेंट्री न्यूट्रीशन
हेल्थ चेक-अप
वैक्सीनेशन
न्यूट्रीशन एंड हेल्थ एजुकेशन
प्री-प्राइमरी एजुकेशन
आंगनबाड़ी वर्कर्स ने छोड़े ये काम
-न्यूट्रीशन रैली का आयोजन
-स्वच्छता पखवाड़ों का संचालन
-किशोरियों के लिए हेल्थ कैंप
-बीएलओ का काम
- राशन कार्ड वेरिफिकेशन
ये काम भी हैं आंगनबाड़ी वर्कर्स के
- जनगणना
-पशुगणना
-आर्थिक गणना
-बाल गणना
- इलेक्शन ड्यूटी
प्रदेश में इतनी आंगनबाड़ी
आंगनबाड़ी-स्वीकृत -संचालित-असंचालित
सेंटर- 14947 - 14941- 6
मिनी सेंटर -5120- 5087 - 33
टोटल- 20067- 20028- 39
इतनी आंगनबाड़ी वर्कर्स
वर्कर - 14590
सहायिका - 14343
मिनी वर्कर - 4917
टोटल - 33850
इतने लाभार्थी
बच्चे 0-3 वर्ष - 542836
बच्चे 3-6 वर्ष- 209755
प्रेग्नेंट - 92210
लैक्टेटिंग मदर- 93534
किशोरी - 167345
कुल - 1105680
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जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती हम काम पर नहीं लौटेंगे। लगातार आंदोलन जारी रखा जाएगा। : रेखा नेगी, प्रदेश अध्यक्ष, आंगनबाड़ी कार्यकत्री -सेविका- मिनी कर्मचारी संघ
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हमारी ओर से लगातार आंगनबाड़ी वर्कर से वार्ता की जा रही है। ताकि वे काम पर लौटें। जल्द ही कुछ पॉजिटिव रिसपॉन्स मिलेगा।
- अखिलेश मिश्रा, जिला कार्यक्रम अधिकारी , देहरादून
अफसर बोले नो वर्क नो पे
आंगनबाड़ी वर्कर्स के हड़ताल पर जाने से 11 लाख से ज्यादा मां-बच्चे प्रभावित हैं। इसे देखते हुए सरकार ने आंगनबाड़ी वर्कर्स को चेतावनी दी है। तय किया है कि आंगनबाड़ी वर्कर्स काम पर नहीं लौटीं तो उन्हें मानदेय नहीं दिया जाएगा।