देहरादून (ब्यूरो) करोड़ों रुपए के ये बकायेदार इन्वेस्टर्स के पैसे नहीं लौटा रहे थे। पैसा लेने के बाद भी कई बिल्डर इन्वेस्टर्स को फ्लैट नहीं दे पाए। जबकि कई ने खरीदारों से पैसे लेने के वर्षों बाद भी हाउसिंग प्रोजेक्ट का काम शुरू नहीं किया। ये लोग इन्वेस्टर्स का पैसा नहीं लौटा रहे थे। जिसके बाद लोगों ने उत्तराखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) में गुहार लगाई। इसके बाद भी बिल्डर मनमानी से बाज नहीं आए। पैसा न लौटाने पर रेरा ने 100 से अधिक बिल्डर्स की आरसी जारी की थी, लेकिन वसूली को लेकर प्रशासन की सुस्ती के चलते लोग मायूस हैं। रेरा ने भी वसूली न होने पर गहरी नाराजगी जाहिर की थी।

डीएम के निर्देश पर कार्रवाई
जिला प्रशासन की कार्रवाई से बिल्डर्स और खनन बकायेदारों में हड़कंप मच गया है। डीएम सोनिका ने सभी एसडीएम को अपने-अपने क्षेत्रों में बकाएदारों से राजस्व वसूली के निर्देश दिए हैं। सैटरडे को एसडीएम सदर हर गिरी और तहसीलदार मो। शादाब के नेतृत्व में वसूली के लिए छापेमारी की गई। डीएम सोनिका ने साफ चेतावनी दी है कि जो भी व्यक्ति बकाया अदा नहीं करेंगे, उनकी संपत्ति नीलाम की जाएगी। कार्रवाई करने वाली टीम में संग्रह अमीन नरेश डोरा, सहजराम यादव, मिथुन वालिया, दीपक भंडारी, शुभम भंडारी आदि शामिल रहे।

बकायेदारों की धरपकड़ को छापेमारी
जिला प्रशासन की टीम ने घर-घर जाकर जिन कारोबारियों की धरपकड़ शुरू की, उनमें खनन के 15 करोड़ रुपये के बकायेदार प्रदीप अग्रवाल, रेरा के 7 करोड़ रुपये के बकायेदार सिक्का बिल्डर, 2 करोड़ के बकाएदार ललित कुमार, 1 करोड़ रुपये के बकाएदार सचिन त्यागी, 1.5 करोड़ रुपये के बकाएदार नरेंद्र बलूनी, 80 लाख रुपये के बकाएदार केसर ङ्क्षसह नेगी, 36 लाख रुपये के बकाएदार लक्ष्मी कंट्रक्शन, 16 लाख रुपये के बकाएदार निधि शर्मा शामिल है। टीम ने इके ठिकानों पर छापा मार कर वसूली की।

लगातार उठाया मामला
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से पब्लिक का पैसा न लौटाने वाले बिल्डरों को लेकर लगातार खबर प्रकाशित की गई। हाल ही में इसको लेकर सिरीज भी चलाई गई। बकायेदारों आरसी जारी के बाद भी वसूली की सस्ुत चाल को लेकर चुस्त, प्रशासन सुस्त नाम से भी खबर प्रकाशित की थी। रेरा की ओर से 44 करोड़ के आरसी बकाये के सापेक्ष केवल 15 करोड आरसी की ही वूसली हो सकी। 29 करोड़ की वसूली लंबित चल रही है। जिला प्रशासन ने खबर का संज्ञान लेते हुए बकायेदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर दी है।

प्रशासन की कार्रवाई से जगी आस
वर्षों से बिल्डरों के चक्कर काटने वाले लोगों को प्रशासन की कार्रवाई से जल्द पैसे लौटने की उम्मीद जग गई है। बिल्डरों के जाल में फंसकर लोग मानसिक उत्पीडऩ झेल रहे हैं। उन्हें न फ्लैट का कब्जा मिल रहा है और न ही पैसा ही वापस मिल रहा है। ऐसे ही दर्जनों बिल्डर हैं, जो पब्लिक का करोड़ों रुपये खाकर बैठे हैं। प्रशासन की ओर से ऐसे कारोबारियों के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

नहीं लौटा रहे थे पैसा
बिल्डरों से पैसा वापस कराने के लिए पीडि़त रेरा में लगातार गुहार लगा रहे हैं। रेरा में अब तक बिल्डर्स के खिलाफ धोखाधड़ी के 1100 से अधिक कंप्लेन दर्ज की गई है। पिछले दो साल में बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 106 बिल्डरों के खिलाफ आरसी के आदेश दिए हैं। हैरानी की बात यह है कि शिकायतें डिस्पोजल होने के बाद भी बिल्डरों द्वारा पैसा नहीं लौटाया जा रहा है, जिससे दोबारा से खरीदार रेरा में गुहार लगाने पहुंच रहे हैं।

इन पर भी करोड़ों की देनदारी
- पुष्पांजलि
-जीटीएम फॉरेस्ट
-सिक्का हाउसिंग
-द कैपिटल
-रिवर वैली
-आरबीएस डेवलपर्स
-राजपुर ग्रीन
-हेक्टेयर वेरियलिटी वैंचर्स प्रालि
-एमएनटी बिल्डकॉन
-आरए कंस्ट्रक्शन
-कल्पतरु हाउसिंग प्रालि

आरसी रिकवरी में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। सभी एसडीएम को अपने-अपने क्षेत्र में अभियान चलाकर ऐसे कारोबारियों की संपत्ति कुर्की करने के निर्देश दिए गए हैं। बकायेदारों को किसी भी कीमत में बख्शा नहीं जाएगा।
सोनिका, डीएम, देहरादून

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