देहरादून (ब्यूरो) बता दें कि अब तक यह व्यवस्था नहीं थी। कई बार अधिकारी मीटिंग में व्यस्त रहते थे, तो कंज्यूमर्स को घंटों काम के लिए अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़ते थे। फील्ड स्टाफ भी कई बार समय से रिपोर्ट सबमिट नहीं कर पाते थे। लेकिन मोबाइल एप लॉन्च होने के बाद कंज्यूमर्स का काम काफी आसान हो गया है। केवल नए कनेक्शन ही नहीं, बल्कि कनेक्शन कटवाने, पार्सल पेमेंट करने, बिल अधिक आने समेत उपभोक्ताओं से जुड़े छोटे-बड़े काम मोबाइल एप के जरिए त्वरित गति से सॉल्व हो सकेंगे। कंज्यूमर्स के लिए पहले ही कई सुविधाएं ऑनलाइन की गई है।

आसान हुआ काम
अभी तक फील्ड के साथ ऑफिस के कार्य के लिए अधिकारियों को दफ्तर में आवश्यक रूप से बैठना पड़ता था, लेकिन अब इस झंझट से अफसरों को छुट््टी मिल गई है। इंजीनियरों के कामकाज को आसान बनाने के लिए मोबाइल एप बनाया गया है। इस एप के जरिए जेई से लेकर एक्सईएन तक कहीं से भी उपभोक्ताओं के आवेदनों पर रिपोर्ट लगाकर मंजूर कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें दफ्तर में कम्यूटर सिस्टम में बैठने की जरूरत नहीं है और न फील्ड में ही लैपटॉप ही खोलने की आवश्यकता है। मोबाइल एप निगम के मेन सॉफ्टवेयर से कनेक्ट किया गया है।

समय की हो रही बचत
बिजली का नया कनेक्शन लेने से लेकर कटवाने, बिजली का लोड बढ़ाने और बढ़ाने, सिक्योरिटी जारी कराने समेत तमाम कार्यों के नाम पर दफ्तर के चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ता था। विभाग के कई इंजीनियर पहले तो समय पर फील्ड में नहीं पहुंचते थे, कभी आ भी जाते हैं, तो रिपोर्ट लगाने के नाम पर हफ्तों का समय लगा देते थे। बताया गया कि फील्ड रिपोर्ट लगाने में ज्यादा देर न लगे इसके लिए ये एप तैयार किया गया है।

बढ़ रही काम की गति
एप शुरू होने के बाद साइट पर नहीं जा पाए या फिर ऑफिस में रिपोर्ट लगाने के नाम पर भी वे समय जाया नहीं कर पाएंगे। एप पर इसका पूरा ब्योरा रहेगा कि कौन सा आवेदन कब किस इंजीनियर के लॉगइन में पहुंचा। इसे कब निस्तारित कर आगे बढ़ाया गया। इस तरह इंजीनियर्स की जवाबदेही तय हो जाएगी। अनावश्यक विलंब से कंज्यूमर्स को बड़ी राहत मिल रही है।

लाखों कंज्यूमर्स को राहत
बिजली कंज्यूमर्स को बेवजह दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। राज्य में 25 लाख कंज्यूमर्स हैं, जो कोई न कोई समस्या लेकर बिजली दफ्तरों के चक्कर लगाते रहते हैं। उनकी परेशानी दूर करने का निगम दावा कर रहा है।

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