फेसबुक पोस्ट पढ़कर दोस्त ने परिजनों को बताया, समय रहते कमरे का दरवाजा तोड़कर उतार लिया, बच गई जान

देहरादून

डालनवाला इलाके में स्थित एक एनजीओ के हॉस्टल में ही वहां के संचालक के 22 वर्षीय पोते ने फंदे से झूलकर सुसाइड अटेंप्ट कर लिया। अटेंप्ट करने से पहले उसे फेसबुक पर सुसाइड पोस्ट लिखकर एक लड़की को अपनी गर्लफ्रेंड बताते हुए सुसाइड के लिए मजबूर करने के आरोप लगाए। लड़की के अलावा उसकी मां, कजिन और अपने पिता को भी सुसाइड के लिए जिम्मेदार लिखा। उसकी फेसबुक पोस्ट पढ़कर किसी ने परिजनों को सूचना दे दी, परिजनों ने हॉस्टल वालों को बताया और हॉस्टल वालों ने कमरे का गेट तोड़ा तो वह फंदे पर लटक चुका था। तुरंत नीचे उतार लिया। पुलिस को सूचना दी और युवक को हॉस्पिटलाइज्ड कराया गया है। उसकी हालत अभी सीरियस बताई जा रही है।

यह हैरान करने वाली घटना फ्राइडे दोपहर की है। डालनवाला थाने पर करीब ढाई बजे कॉल आया कि सूर्यलोक कॉलोनी, राजपुर रोड स्थित फेमस एनजीओ आरएलईके के हॉस्टल में युवक ने फंदे से झूलकर खुदकुशी का प्रयास किया है। पुलिस मौके पर पहुंची तो हॉस्टल के एक कमरे में एनजीओ संचालक अवधेश कौशल के पौत्र प्रत्युष सिंह 22 को कमरे में लिटाया हुआ था। पुलिस ने तुरंत एंबुलेंस की मदद से उसे पास ही स्थित सीएमआई हॉस्टिल पहुंचाया। डॉक्टर्स ने उसकी हालत सीरियस बताई है।

कई दिन से घर नहीं गया था:

पुलिस के मुताबिक प्रत्यूष पुत्र प्रवीण के दादा अवधेश कौशल मसूरी स्थित आईएएस एकेडमी से रिटायर्ड हैं और रूरल लिटिगेशन एंड एंटाईटलमेंट (आरएलईके) नाम से एनजीओ चलाते थे। उनके एनजीओ का हॉस्टल डालनवाला थाना इलाके की सूर्यलोक कॉलोनी में है। प्रत्युष का परिवार लेन नंबर 4 साकेत कॉलोनी देहरादून में रहता है। प्रत्युष अपने दादा के साथ एनजीओ में ही काम करता था। कई दिन से वह एनजीओ के हॉस्टल में ही रूका हुआ था। फ्राइडे दोपहर में उसने खुदकुशी का प्रयास किया।

फेसबुक पोस्ट पढ़कर दोस्त ने दी सूचना:

प्रत्युष ने दोपहर दो बजे एक फेसबुक पोस्ट लिखी। जिसमें उसने साफ लिखा कि इन चार लोग उसे सुसाइड के लिए फोर्स किया है। जिसमें उसने अपनी गर्लफ्रेंड, उसकी मां, उसके चचेरे भाई और अपने पिता के नाम लिखे। साथ ही उसने एक लड़की के साथ तीन फोटो और व्हाट्सएप चेट की कुछ पोस्ट भी डाली। उसकी पोस्ट देखकर फेसबुक फ्रेंड्स ने तुरंत परिजनों को कॉल किया। परिजनों ने हॉस्टल में सूचना दी। हॉस्टल के केयर टेकर उस कमरे की तरफ दौडे जिसमें प्रत्युष रहता था। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। दरवाजा तोड़कर लोग अंदर पहुंचे, पुलिस के पहुंचने से पहले उसे फंदे से उताकर बेड पर लिटाया हुआ था,उसकी सांस चल रही थी। हॉस्टल स्टाफ ने बताया कि उसे फंदे पर झूले कुछ ही मिनट हुए थे, इस बीच उन्होंने उतार लिया।

फिलहाल बच गई जान, लेकिन कंडीशन क्रिटिकल:

डॉक्टर्स के मुताबिक प्रत्युष की जान बच गई है, लेकिन कंडीशन अभी क्रिटिकल है। हैंगिग के केसेज में सर्वाइव में काफी समय लगता है। अभी उसके सेफ होने के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।

पुलिस के समानान्तर, दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की इनवेस्टिगेशन:

इस मामले में पुलिस ने जो सूचना जारी की उसमें सुसाइड के कारण का पता नहीं चलने की बात लिखी थी। इस पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इस केस की परतें खंगालना शुरू की। प्रत्युष का फेसबुक आईडी तलाश किया। प्रत्युष कौशल नाम से इंग्लिश और हिंदी में दो आईडी मिली। प्रत्युष कौशल के नाम से इंग्लिश में मिली आईडी को रीड किया गया तो पहली पोस्ट में ही प्रत्युष का लिखा सुसाइड नोट, लडकी के साथ फोटो, और व्हाट्स एप चैटिंग पोस्ट की हुई मिली। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने यह जानकारी पुलिस से शेयर की और उसके साथ ही फेसबुक पोस्ट को भी डालनवाला थाना इंचार्ज से शेयर किया।