- हरिद्वार रोड स्थित रोडवेज वर्कशॉप में बन रही दून की ग्रीन बिल्डिंग

- 75 डिपार्टमेंट नजर आएंगे एक छत के नीचे, लागत पहुंचेगी 9 करोड़ त

देहरादून, (ब्यूरो) : स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लंबे समय से राजधानी दून में ग्रीन बिल्डिंग की कसरत शुरू हुई। शुरुआत में प्रिंस चौक के आगे जीएमवीएन के होटल द्रोण को ग्रीन बिल्डिंग बनाने की बात हुई। बात आगे नहीं बढ़ी। इसके बाद मंथन जारी रहा। आखिरकार हरिद्वार रोड स्थित रोडवेज के वर्कशॉप पर सहमति बनी। इस पर भी कई पेंच सामने आए। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। स्टे मिला और उसके बाद कोर्ट ने स्टे हटा दिया। बहरहाल, रोडवेज वर्कशॉप पर सहमति बन गई है और स्मार्ट सिटी ने वर्कशॉप एरिया को कवर करने के लिए ग्रीन व ब्ल्यू टिन शेड की बेरीकेडिंग भी लगा दी है।

डिसमेंटल का काम हुआ पूरा

ग्रीन बिल्डिंग के लिए वर्कशॉप को डिसमेंटल किया जा चुका है। इसके बाद अब रोडवेज के करीब छह दशक पुराने वर्कशॉप में मौजूद सामग्री का डिसमेंटल भी किया जा चुका है। लेकिन, ऑक्शन में कम रेट मिलने के बाद अब तक वर्कशॉप खाली नहीं हो सका। जिसका असर काम शुरू होने पर पड़ता दिख रहा है। बताया जा रहा है कि रोडवेज को अपने ऑक्शन में करीब 30 से 40 परसेंट तक कॉस्ट वैल्यू कम मिल रही है। ऐसे में स्मार्ट सिटी के अधिकारियों का कहना है कि 25 फरवरी तक ही ग्रीन बिल्डिंग पर काम शुरू हो पाएगा।

परिवहन निगम की भी दिक्कतें

-वर्कशॉप में मौजूद मेटेरियल की ऑक्शन वैल्यू 40 परसेंट तक कम

-वर्कशॉप में ट्रांसपोर्टनगर में शिफ्ट होने पर नहीं हो पा रही पर्याप्त जगह

-ट्रांसपोर्टनगर में कार्मिकों के बैठने तक की सुविधा का अभाव

-स्मार्ट सिटी व यूटीसी के अधिकारियों के बीच बैठकें जारी

ग्रीन बिल्डिंग की खासियत

-एक साथ 75 डिपार्टमेंट रहेंगे मौजूद

-बिल्डिंग की शुरुआती लागत करीब 6 करोड़ तक आंकी गई

-अब प्रस्तावित डबल बेसमेंट पार्किंग बनाने पर करीब 3 करोड़ राशि बढ़ेगी

-लागत बढऩे पर सरकार से धनराशि बढ़ाने की भी मांग

-बन चुकी डीपीआर, रिवाइज्ड करने पर हो रहा विचार

114 करोड़ के बदले बस अड्डों की जमीन अलॉट

बताया गया है कि ग्रीन बिल्डिंग के लिए स्मार्ट सिटी को दिए गए रोडवेज वर्कशॉप की कीमत करीब 114 करोड़ आंकी गई। जिस पर लंबे समय तक रोडवेज अडिग रहा। बाद में सरकार ने जमीन का ऑफर दिया। रोडवेज की शर्त के अनुसार गवर्नमेंट ने जीओ जारी किया। कहा, रोडवेज के जो भी बस अड्डे या फिर वर्कशॉप मौजूद हैं, वहां की जमीन अलॉट कर दी जाए। इसके बाद रोडवेज वर्कशॉप देने पर सहमति बनी।

करीब दो साल से ज्यादा का लगेगा वक्त

डीएससीएल (देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड) के सीजीएम जगमोहन चौहान के अनुसार ग्रीन बिल्डिंग बनाने का लक्ष्य पहले 21 माह तय किया गया था। लेकिन, ऑक्सन में समय लगने के कारण अब समय बढ़ सकता है। लेकिन, स्मार्ट सिटी की ओर से कोशिश है कि बरसात से पहले बेसमेंट पार्किंग की खुदाई पूरी कर ली जाए। जिससे दिक्कत न आए।