- दो माह तक त्यौहारी सीजन रहने से व्यापारियों के खिले चेहरे

- नवरात्र में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को मिली राहत

देहरादून,

लॉकडाउन में बंद पड़े ऑटोमोबाइल सेक्टर के पहिए अनलॉक होते ही सरपट दौड़ने लगे हैं। ऑटोमोबाइल सेक्टर को त्यौहारी सीजन में राहत मिलती नजर आ रही है। पूरे साल की सेल और त्यौहारी सीजन में 2 माह की सेल का एवरेज ऑटोमोबाइल सेक्टर में बराबर ही होता है। इस तरह से अनलॉक में सरकार द्वारा दी गई ढील से ऑटोमोबाइल सेक्टर को ऑक्सीजन देने का काम किया है।

फेस्टिव सीजन दे रहा ऑक्सीजन

नोटबंदी से लेकर कोरोनाकाल में ऑटोमोबाइल सेक्टर में बहुत उतार चढ़ाव देखे हैं। मार्च में लॉकडाउन होते ही कॉमर्शियल एक्टिविटी बंद हो गई, जिसका असर ऑटोमोबाइल सेक्टर पर भी पड़ा, लेकिन जैसे-जैसे अनलॉक होता रहा, ऑटोमोबाइल सेक्टर ट्रैक पर आने लगा। त्यौहारी सीजन आते ही ऑटोमोबाइल सेक्टर को नई उम्मीद जगी है। नवरात्र से दिवाली तक गाडि़यों की बिक्री चलती रहेगी। जिससे ऑटोमोबाइल सेक्टर अपने पुराने ढर्रे पर आना तय है। हालांकि फोर व्हीलर गाडि़यों में बिक्री पिछले साल की तुलना में कम हो रही है, जो कि दिवाली तक बेलेंस होने की उम्मीद जताई गई है। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का मानना है कि कोरोनाकाल का असर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर दो साल तक पड़ने वाला है।

व्हीकल्स की डिमांड, सप्लाई कम

ओबरॉय मोटर्स के डायरेक्टर राघव ओबरॉय का मानना है कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में कई मॉडल्स ने लास्ट इयर से भी ज्यादा इम्प्रूवमेंट किया है। उन्होंने बताया कि पिछले साल अक्टूबर में ही नवरात्र और धनतेरस था, जो कि एक माह में त्यौहारी सीजन रहे। जबकि इस बार नवरात्र अक्टूबर और दिवाली नवंबर में है। उन्होंने बताया कि मार्केट में पॉजिटिव माहौल है। हालांकि कॉमर्शियल व्हीकल कम और प्राइवेट कार ज्यादा बिकी है। उन्होंने बताया कि फेस्टिव सीजन में देहरादून में 2 हजार से 2500 फोर व्हीलर और 10 से 12 हजार टू व्हीलर निकल जाती हैं। कोरोनाकाल का सबसे बड़ा असर ऑटोमोबाइल सेक्टर के एक्सपोर्ट होने वाले स्पेयर पा‌र्ट्स हैं, जिन पर असर पड़ा है। उन्होंने बताया कि गाडि़यों की डिमांड है लेकिन सप्लाई कम है

30 परसेंट कम है सेल

डीपीएम हुंडई के जीएम ने राजीव जिंदल ने बताया कि पिछले साल अक्टूबर माह में 400 से ज्यादा गाडि़यां बिकी, जबकि इस बार 300 गाडि़यां सेल करने का टारगेट रखा गया है। जो कि पिछले साल की तुलना में 30 परसेंट कम हुआ है। उन्होंने बताया कि कोरोना का असर ऑटोमोबाइल सेक्टर में पड़ा है, जिससे उभरने में 2 साल तक का समय लगेगा। हालांकि नवरात्र में ऑटोमोबाइल सेक्टर को काफी राहत मिली है।

टू व्हीलर पर नहीं पड़ा असर

सैफसन होंडा के डायरेक्टर रमीज ने बताया कि कोरोना की वजह से टू व्हीलर इंडस्ट्री पर कुछ खास फर्क नहीं पड़ा है, उन्होंने बताया कि होंडा की टू व्हीलर में 10 परसेंट की गिरावट आई थी, लेकिन धीरे-धीरे सभी ट्रेक पर आ रही है। उन्होंने बताया कि हर बार की तरह होंडा की टू व्हीलर की मार्केट में डिमांड बनी हुई है। इस बार नवरात्र में भी एक्टिवा की सेल सबसे ज्यादा हुई है। जो कि पिछले साल की तुलना में लगभग बराबर है।

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मार्केट में अब पॉजिटिव माहौल है। हालांकि कॉमर्शियल व्हीकल कम और प्राइवेट कार ज्यादा बिकी है। गाडि़यों की डिमांड है लेकिन सप्लाई कम है

राघव ओबरॉय, डायरेक्टर, ओबरॉय मोटर्स

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नवरात्र से बिजेनस में पॉजिटिव असर पड़ा है। पिछले साल की तुलना में इस साल सेल में ज्यादा अंतर नहीं है। सर्विस इंडस्ट्री 80 से 90 परसेंट तक आ गया है। गाडि़यों की सेल फेस्टिव सीजन में पिकअप हुई है।

कैप्टन समरेश सिंह, ओनर, ट्रस्ट टोयटा

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पिछले साल की तुलना में सेल 30 परसेंट कम हुई है। कोरोना का असर ऑटोमोबाइल सेक्टर में पड़ा है। उम्मीद है जल्द बाजार ऊभरेगा।

राजीव जिंदल, जीएम, डीपीएम हुंडई

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टू व्हीलर इंडस्ट्री पर कुछ खास फर्क नहीं पड़ा है, होंडा की टू व्हीलर में 10 परसेंट की गिरावट आई थी, लेकिन धीरे-धीरे सभी ट्रेक पर आ रही है। होंडा की टू व्हीलर की मार्केट में डिमांड बनी हुई है।

रमीज, डायरेक्टर, सैफसन होंडा