- एम्स में सर्वाइकल कैंसर पर आयोजित वेबिनार में डॉक्टरों ने अनुभव किए साझा

RISHIKESH: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग और गाइनोकोलॉजी ऑन्कोलॉजी विभाग की ओर से सर्वाइकल कैंसर पर आयोजित वेबिनार में देशभर के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने अनुभव साझा करते हुए अहम सुझाव रखे। वेबिनार को संबोधित करते हुए एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो। रवि कांत ने कहा कि इस बीमारी की पर्याप्त रोकथाम के लिए जरूरी है कि किशोरियों को टीकाकरण के प्रति अवेयर किया जाए।

सर्वाइकल कैंसर पर हुई चर्चा

डीन एकेडमिक्स और रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो। मनोज गुप्ता ने कीमो रेडिएशन विधि के लिए विकिरण केंद्रों की संख्या बढ़ाए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया। नेशनल हेल्थ मिशन उत्तराखंड की निदेशक डॉ। अंजलि नौटियाल ने सर्वाइकल कैंसर स्क्री¨नग के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि एएनएम सहित लगभग 5304 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को स्क्री¨नग के लिए एसिटिक एसिड विधि के साथ दृश्य निरीक्षण में प्रशिक्षित किया गया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की राष्ट्रीय कार्यक्रम निदेशक डॉ। सरोज नैथानी ने बताया कि हमारे पास 10 हजार से अधिक आशा कार्यकर्ता हैं, जो टीकाकरण और स्क्री¨नग के संदेश को दूरदराज के गांवों में पहुंचा सकते हैं। साथ ही उन्होंने उत्तराखंड में स्वास्थ केंद्रों के माध्यम से स्क्री¨नग और उपचार के लिए पर्याप्त व प्रभावी टीकाकरण करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। एम्स ऋषिकेश की प्रसूति एवं स्त्री रोग विभागाध्यक्ष प्रो। जया चतुर्वेदी ने बताया कि गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर मुख्यत: ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) के कारण होता है, जो कि यौन जनित संक्रमण है। इससे बचाव के लिए उन्होंने विवाह देरी से करने, यौन शिक्षा व सुरक्षित यौन विधियों के अभ्यास पर जोर दिया। साथ ही नौ से 14 साल की युवा लड़कियों में टीकाकरण जैसे मुद्दों और बीमारी के निवारण संबंधी तौर तरीकों पर विचार व्यक्त किए। किए।