- रुड़की हरिद्वार के रहने वाले शातिर चोर स्प्लेंडर बाइक को ही करते थे चोरी

- शातिर चोरों ने बाइक को चुराने के लिए कई मास्टर की करवाई थी तैयार

- आरोपियों से पुलिस ने 11 बाइक की बरामद, एक बाइक का 10 हजार में करते थे सौदा

देहरादून,

दून पुलिस ने एक ऐसे बाइक चोर गैंग का पर्दाफाश किया है। जो सिर्फ स्प्लेंडर बाइक पर ही हाथ साफ करते थे, शातिर चोरों ने बाइक को चुराने के लिए कई मास्टर की तैयार करवाई थी, जिनसे खड़ी बाइक को चुराकर शातिर चोर अपने गांव पहुंचा देते थे, इसके बाद घरों में छुपाकर सौदा कर बेच देते थे। पकड़े गए आरोपियों में से 19 वर्षीय मुज्जमिल जो पढ़ा लिखा नहीं है, मुज्जमिल राजमिस्त्री का काम करता है। दूसरा आरोपी 20 वर्षीय अमजद 9वीं फेल है, जो पेन्टर का काम करता है।

शोरूम के बाहर से बाइक चुरा भाग रहा था

बाजार चौकी इंचार्ज नवीन जोशी की टीम पुलिस बल के साथ बॉम्बे बाग तिराहा पर रात में वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान सहारनपुर रोड की तरफ से करीब 10.30 बजे एक बाइक स्प्लेंडर प्लस सामने से आती दिखाई दी, जिसे पुलिस कर्मियों द्वारा हाथ से रोकने का इशारा किया, लेकिन बाइक सवार तेजी से भागने लगा। पुलिस टीम ने एक्टिव होकर तुरंत बाइक को रोक लिया। एसआई नवीन जोशी ने बाइक सवार से कागज मांगे तो बाइक सवार के पास कुछ भी कागज नहीं थे, पकड़े गए व्यक्ति ने बताया कि यह बाइक चोरी की है। बताया कि यह बाइक उसने पटेलनगर स्थित एन्फील्ड बुलेट के शो रूम के बाहर से चुराया था। जिसे लेकर वह अपने घर नागला इमरती जा रहा था। पकड़े गए आरोपी ने अपना नाम मुज्जमिल निवासी गांव नगला इमरती थाना सिविल लाइन रुड़की हरिद्वार बताया। आरोपी को मौके से कस्टडी में लेकर थाने ले जाया गया जहां आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह लंबे समय से बाइक चोरी कर रहे थे। उसने बताया कि दून व हरिद्वार के विभिन्न इलाकों से 12 बाइक चोरी की गई है।

डिमांड ज्यादा, 10 हजार में सौदा

बाइक चोरी करने के बाद कुछ बाइक अपने घर पर और कुछ अपने साथी अमजद निवासी गांव, लंढौरा कस्बा, थाना मंगलौर, हरिद्वार के घर पर खड़ा किया है। आरोपी ने बताया कि वह सिर्फ स्प्लेंडर बाइक ही चोरी करता है, स्प्लेंडर बाइक का लॉक आसानी से खुल जाता है और इसकी मांग भी बहुत ज्यादा है। इसके लिये आरोपी ने कई मास्टर चाबियां बना रखी हैं। आरोपी अपने इलाके में ले जाकर 10 हजार में बाइक का सौदा करते थे।

रकम का 50-50 प्लान

आरोपी से पूछताछ के बाद उसकी निशानदेही पर 6 बाइक उसके घर नगला इमरती से बरामद की गयी। इसके बाद पुलिस टीम ने हरिद्वार से अमजद निवासी गांव, लंढौरा कस्बा व थाना मंगलौर, हरिद्वार उम्र 20 वर्ष को रुड़की से अरेस्ट किया है। जिसकी निशानदेही पर उसके घर लंढौरा कस्बा से 5 अन्य बाइक बरामद किया गया। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे दोनों ही अपने परिवार के कमाने वाले एकमात्र सदस्य हैं और बड़ा परिवार होने के कारण हमारी आर्थिक स्थिती अच्छी नहीं चल रही थी, जिस कारण चुराई गई बाइक को बेचकर इनसे मिलने वाले पैसों को आधा-आधा बांटने की योजना बनाई हुई थी। पुलिस टीम द्वारा दोनों आरोपियों से उनकी निशानदेही पर चोरी की 11 बाइक बरामद की गई हैं। बरामद बाइक में से 2 बाइक के संबंध मे थाना पटेलनगर और 3 बाइक के संबंध में थाना कोतवाली नगर में वाहन चोरी के केस रजिस्टर हैं।

-------------------------------------------------

कोतवाली एरिया में वाहन चोरी ज्यादा

बीते 3 सालों से वाहन चोरी के सबसे ज्यादा केस कोतवाली थाने में दर्ज हुए हैं। वर्ष 2020 में दून में वाहन चोरी के 100 केस रजिस्टर हुए हैं। इनमें कोतवाली थाने में सबसे ज्यादा 16 केस रजिस्टर हुए हैं। वाहन चोरी के मामले में रायपुर थाना दूसरे नंबर है, रायपुर थाने में 2020 में वाहन चोरी के 12 केस दर्ज हुए, इसके अलावा नेहरू कॉलोनी और पटेलनगर में 10-10 केस दर्ज हुए हैं। देहात क्षेत्र में ऋषिकेश थाने में 8 केस रजिस्टर हुए हैं। वर्ष 2019 में वाहन चोरी के 166 केस रजिस्टर हुए थे, जिनमें सबसे ज्यादा 37 केस कोतवाली थाने में दर्ज हुए, इसके बाद 18 केस रायपुर, ऋषिकेश 15 केस, पटेलनगर 13 केस रजिस्टर हुए थे। वर्ष 2018 में वाहन चोरी के 164 केस दर्ज हुए थे, जिसमें से सबसे ज्यादा केस 33 केस कोतवाली थाने में रजिस्टर हुए थे, इसके अलावा ऋषिकेश में 22 केस, पटेलनगर में 18 केस वाहन चोरी के दर्ज हुए थे।

रायपुर एरिया में चोरी ज्यादा

चोरी के मामलों में वर्ष 2020 में रायपुर थाने में सबसे ज्यादा मामले सामने आए। 2020 में दून में चोरी के 106 केस सामने आए। इनमें रायपुर थाने में 16 केस रजिस्टर हुए, सहसपुर में 13 और पटेलनगर में 10 केस दर्ज हुए। 2019 में चोरी के 193 केस सामने आए, इनमें रायपुर में 24 केस रजिस्टर हुए, जबकि नेहरू कॉलोनी में 16 केस दर्ज हुए। इसके अलावा ऋषिकेश में 14 केस दर्ज हुए। वर्ष 2018 में चोरी के 212 केस आए, जिनमें से कोतवाली में सबसे ज्यादा 39 केस दर्ज हुए। इसके अलावा नेहरू कॉलोनी में 22, ऋषिकेश में 20 केस रजिस्टर हुए थे।