- व्यापारियों को दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए विस्थापन नीति भी आ रही आड़े
- व्यापारियों में आक्रोश, बोले, न जमीन के रेट किए गए अब तक तय, न ही की जमीन की गई अलॉट

देहरादून (ब्यूरो): सूत्रों के अनुसार जिस भूमि पर आढ़त बाजार को बसाया जाना वह गैर आवासीय है। इस जमीन को लैंडयूज परिवर्तित न किए जाने से प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही है। शासन की ओर से लैंंडयूज को लेकर शिथिलता न दिए जाने से शिफ्टिंग का मामले पर ब्रेक लग गया है। हालांकि सूत्रों की मानें तो मामले को 4 जुलाई को आयोजित कैबिनेट बैठक में रखा जा सकता है, जिसमें प्रस्तावित लैंड की कीमत, लैंडयूज परिवर्तन और रजिस्ट्री स्टांप शुल्क पर छूट मिल सकती है।

मिलेगी जाम से बड़ी राहत
लंबे समय से जाम की समस्या से जूझ रहे शहर की ट्रैफिक हालत सुधारने के लिए प्रशासन ने जो कवायद शुरू की थी वह शासन में अटक गई है। होलसेल मार्केट आढ़त बाजार को पटेलनगर शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए एमडीडीए को जिम्मा सौंपा गया है। दरअसल यह क्षेत्र सबसे बड़ा जाम वाला क्षेत्र है, यदि यहां से यह बाजार हट जाता है, तो टै्रफिक को बड़ी राहत मिलेगी। इसके अलावा कई और प्वाइंट पर भी रोड चौड़ीकरण पर प्रशासन की तैयारी है।

व्यापारी सहमत, सरकार पड़ी ढीली
जब तक आढ़त बाजार के व्यापारी शिफ्टिंग को तैयार नहीं थे, तब तक सरकार जगह-जगह पर बाजार शिफ्टिंग की बात कह रही थी। अब जबकि व्यापारी भी सहमत हो गए हैं, तब सरकार ढीली पड़ गई है। यहां तक कि बाजार के लिए भूमि भी चिन्हित की गई है। इस भूमि पर अतिक्रमण था, इसे भी हटा लिया गया है। इसके बाद भी मामले को लंबित करना सरकार के लिए उल्टा पड़ सकता है।

शिफ्टिंग पर होंगे 145 करोड़ खर्च
आढ़त बाजार को शिफ्ट करने के लिए अब तक करीब 350 व्यापारी चिन्हित किए गए हैं। बाजार को शिफ्ट करने के लिए करीब 145 करोड़ रुपये का खर्च आ रहे है, जिसे एमडीडीए की बोर्ड बैठक में सहमति दे दी गई है। इसका बाद भी शासन का वित्त विभाग पूछ रहा है कि पैसा कहां से आएगा। सवाल यह है कि जब विभाग खर्च को तैयार है, तो इस प्रश्न का औचित्य व्यापारियों को समझ से परे लग रहा है।

आढ़त बाजार शिफ्टिंग पर एक नजर
110 साल पुराना है आढ़त बाजार
356 व्यापारी होंगे शिफ्ट
100 बाजार को बीघा जमीन पटेलनगर थाने के पीछे चिन्हित
225 करोड़ रुपये है जमीन की कीमत
33 करोड़ आएगा लैंडयूज परिवर्तन में खर्च
3.50 करोड़ रजिस्ट्री स्टांप शुल्क पर छूट मांगी है एमडीडीए ने
355 दुकानें की गई हैं शिफ्टिंग को चिन्हित
145 करोड़ रुपये का खर्च आएगा बाजार शिफ्टिंग में
04 जुलाई को कैबिनेट बैठक रखा जा सकता है बाजार शिफ्टिंग का मामला

सरकार क्या चाह रही है, हमें नहीं पता। जब सब कुछ हो गया है, तो देरी किस बात की। अभी तक व्यापारियों को न तो जमीन अलॉट की गई है और न ही रेट निर्धारित किया गया है। इससे व्यापारियों में आक्रोश है।
राजेंद्र गोयल, अध्यक्ष, होलसेल डीलर्स ऐसोसिएशन, आढ़त बाजार

जब व्यापारी सहमत नहीं थे तो सरकार दबाव बना रही थी, अब व्यापारी शिफ्टिंग को तैयार हैं, तो सरकार सुस्त पड़ गई। विलंब के चलते व्यापारी परेशान हो रहे हैं। जा के कारण व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। बाजार कब शिफ्ट होगा, पता नहीं।
विनोद गोयल, महासचिव, होलसेल डीलर्स ऐसोसिएशन, आढ़त बाजार

आढ़त बाजार शिफ्टंग की की कार्रवाई चल रही है। व्यापारियों के विस्थापन और चिन्हित जमीन के लैंडयूज के लिए मामला एमडीडीए की ओर से शासन को भेजा गया है। आने वाली कैबिनेट बैठक में दोनों मामलों को रखा जाएगा। मंजूरी मिलते ही शिफ्टिंग की कार्रवाई तेज की जाएगी।
डीएम, सोनिका
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