देहरादून(ब्यूरो) इस दौरान महालक्ष्मी बिल्डर्स को जोगीवाला से लेकर रिस्पना पुल, कीर्ति अग्रवाल को नींबूवाला मार्ग, राजेश खन्ना को पुरकुल रोड, राजेन्द्र अग्रवाल को दिलाराम से गवर्नर हाउस और सिनर्जी अस्पताल संचालक को बल्लूपुर चौक से लेकर कैंट थाने तक की जिम्मेदारी सौंपी। इसके अलावा जो बिल्डर बैठक में नहीं पहुंचे, उन्हें भी अन्य मार्गों की जिम्मेदारी दी जाएगी।

ईको-फ्रेंडली सामग्री का हो यूज
एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा कि व्यवसायिक भवनों में टफेंड ग्लास के बजाय वैक्यूम ग्लास का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि नक्शा स्वीकृति के दौरान इसे अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने भवनों के निर्माण में ईको-फ्रेंडली सामग्री इस्तेमाल के निर्देश दिए। बिल्डरों ने बैठक में कहा कि उनकी ओर से निर्माण कराए जा रहे कार्यों में रिचार्ज पिट, रेन वाटर हार्वेङ्क्षस्टग आदि का इंतजाम किया जा रहा है। इस पर उपाध्यक्ष ने इन कार्यों के भौतिक सत्यापन के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इको-फ्रेंडली निर्माण कराने वाले बिल्डरों को प्राधिकरण प्रोत्साहित भी किया जाएगा।

25 परसेंट फलदार पौधे लगाएंगे
एमडीडीए वीसी ने बिल्डरों को निर्देशित किया कि बड़े आवासीय प्रोजेक्ट में बिल्डर यह भी सुनिश्चित करें कि पार्क इत्यादि में 25 प्रतिशत फलदार व छायादार पौधे रोपें। इसके अलावा बाहर सोलर लाइट््स लगाई जाएं। यह शर्तें अनिवार्य रूप से नक्शा स्वीकृति के समय पूर्ण करनी होंगी।

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