-मिस्टर एशिया चैंपियन राहुल बिष्ट ने सरकार पर जताई नाराजगी

-बॉडी बिल्डिंग में युवाओं का रुझान, सरकार नहीं समझती इसे खेल

DEHRADUN : बॉडी बिल्डिंग में ज्यादातर युवाओं का रुझान है, लेकिन राज्य सरकार न तो इसे खेल मानती है और न ही बॉडी बिल्डिंग करने वालों को प्लेयर मानती हैं। यही कारण है कि आज राज्य के युवा बॉडी बिल्डर उत्तराखंड से पलायन कर दूसरे राज्यों का रुख कर रहे हैं और नेशनल और इंटरनेशनल लेवल की प्रतियोगिताओं में उन्हीं राज्यों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। यह कहना है एशियन गोल्ड मेडलिस्ट राहुल बिष्ट का। राहुल ने बॉडी बिल्डिंग को खेल नीति में शामिल न करना युवाओं के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

प्लेयर्स की मदद नहीं करती सरकार

राहुल ने सीधे तौर पर वर्तमान सरकार पर खेलों के नाम पर जेबें भरने का आरोप लगाया है। सरकार ने कभी भी किसी जरूरतमंद प्लेयर की मदद नहीं की है। राहुल ने कहा कि बॉडी बिल्डिंग गेम अन्य खेलों के मुकाबले थोड़ा मंहगा है। क्योंकि इसमें बिना खाए पीए कोई बॉडी बिल्डर नहीं बन सकता है। इसके लिए पैसे की जरूरत होती है, लेकिन राज्य सरकार ने आज तक किसी भी बॉडी बिल्डर प्लेयर की सहायता नहीं की है।

मिस्टर एशिया चैंपियन का खिताब जीता

वर्ष ख्0क्फ् में वियतनाम में एशियन बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप होनी थी। इससे पहले वह वर्तमान खेल मंत्री दिनेश अग्रवाल से मिले थे, लेकिन चैंपियनशिप के लिए उन्हें सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली। अपने खर्चे पर वह वियतनाम गए और वहां न सिर्फ प्रतिभाग किया, बल्कि उत्तराखंड के लिए गोल्ड मेडल जीतकर उन्होंने मिस्टर एशिया चैंपियन का खिताब भी जीता।

कई खिताब हैं राहुल के नाम

दून में नत्थनपुर में रहने वाले राहुल बिष्ट के पिता जगमोहन सिंह परिवहन निगम में कर्मचारी हैं। 8भ् केजी वेट प्रतिभाग करने वाले राहुल वर्ष ख्0क्फ् में एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। इससे पहले वर्ष ख्009 में साउथ एशियन चैंपियनशिप में उनके नाम गोल्ड मेडल है, जबकि नेशनल लेवल पर वर्ष ख्0क्0, ख्0क्ख्,ख्0क्फ् और ख्0क्ब् में वह गोल्ड मेडल जीत चुके हैं।