- राज्याधीन सेवाओं में पदोन्नति का परित्याग नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी

- दुर्गम क्षेत्रों में तैनाती से बचने को पदोन्नति नहीं छोड़ पाएंगे कार्मिक, तबादला तय

- राज्य में सरकारी विश्वविद्यालयों के लिए अंब्रेला एक्ट को सरकार की झंडी

- केदारनाथ में द्वितीय चरण के कार्य लोनिवि से कराने पर लगाई मुहर

- होम स्टे योजना में बगैर ऋण के होम स्टे बनाने वालों को भी मिलेगा अनुदान

- युवा पेशेवर नीति को मंजूरी, युवा पेशेवरों का मानदेय 15 से बढ़ाकर 35 हजार

- पंतनगर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण को हरी झंडी

DEHRADUN: सरकारी महकमों के मुलाजिम अब दूरस्थ क्षेत्रों में तैनाती से बचने को प्रमोशन नहीं छोड़ पाएंगे। प्रमोशन छोड़ने पर उनकी ज्येष्ठता तो जाएगी ही, तबादला भी तय है। राज्य मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में सरकारी सेवाओं में प्रमोशन छोड़ने की प्रवृत्ति हतोत्साहित करने और कार्मिकों को अनुशासित बनाए रखने के उद्देश्य से 'राज्याधीन सेवाओं में पदोन्नति का परित्याग नियमावली' को मंजूरी दे दी। एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में सरकारी विश्वविद्यालयों के लिए अपने अंब्रेला एक्ट को हरी झंडी दी गई। केदारनाथ में केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट के जरिये होने वाले द्वितीय चरण के कार्य लोनिवि से कराने, होम स्टे योजना में बगैर बैंक ऋण के होम स्टे बनाने वालों को अनुदान देने, युवा पेशेवर संशोधित नीति को झंडी समेत कई फैसलों पर कैबिनेट ने मुहर लगाई।

कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में 30 मामले रखे गए, जिनमें से 26 को मंजूरी दी गई। तीन मामले स्थगित कर दिए गए, जबकि एक में कमेटी गठित की गई। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए शासकीय प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि कैबिनेट ने कहा कि कार्मिकों के पदोन्नति छोड़ने से जहां कार्य प्रभावित होते हैं, वहीं लोगों को सरकारी योजनाओं का अपेक्षित लाभ नहीं मिलता। दायित्वों के प्रति उदासीनता व अनुशासनहीनता पर अंकुश लगाने को कैबिनेट ने पदोन्नति का परित्याग नियमावली को मंजूरी दी। इसमें प्रविधान है कि पदोन्नत कार्मिक के नवीन तैनाती स्थल पर तय अवधि में कार्यभार ग्रहण करने पर नियुक्ति प्राधिकारी गुणदोष के आधार पर फैसला लेंगे। दो बार पदोन्नति छोड़ने पर कनिष्ठ कार्मिक को पदोन्नति दी जाएगी। यदि कोई डीपीसी से पहले पदोन्नति छोड़ने का अनुरोध करता है तो इसे अनुशासनहीनता माना जाएगा। दो बार ऐसा करने वालों की ज्येष्ठता चली जाएगी। साथ ही तबादला नीति के तहत तबादले होंगे। कैबिनेट मंत्री कौशिक के अनुसार राज्य के 11 सरकारी विवि अलग-अलग अधिनियमों से संचालित हो रहे थे। इनमें समरूपता लाने को कैबिनेट ने सरकारी विवि के लिए उत्तराखंड राज्य विवि अध्यादेश (अंब्रेला एक्ट) को मंजूरी दी। निजी विवि के लिए इसी प्रकार का एक्ट लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि श्रीनगर में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) के स्थायी परिसर के लिए रेशम विभाग की आठ एकड़ भूमि संस्थान को निश्शुल्क दी जाएगी। केदारनाथ में सीएसआर के तहत चल रहे कार्याें में तकनीकी दक्षता व मानव संसाधन की कमी के मद्देनजर वहां द्वितीय चरण के कार्य लोनिवि से डिपोजिट वर्क के आधार पर कराने का निर्णय लिया गया। द्वितीय चरण में केदारनाथ में करीब सवा सौ करोड़ के काम होने हैं। केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट यह राशि सीधे कार्यदायी संस्था को दे सकेगा।

होम स्टे योजना पर राहत

कैबिनेट ने होम स्टे योजना में भी राज्यवासियों को बड़ी राहत दी। अब उन लोगों को भी निर्धारित अनुदान मिलेगा, जो बैंक से ऋण लिए बगैर होम स्टे बना रहे हैं। विभिन्न विभागों में युवा पेशेवर रखने को मुख्यमंत्री उत्तराखंड युवा पेशेवर संशोधित नीति पर कैबिनेट ने मुहर लगाई। इसमें युवा पेशेवर का मानदेय 15 हजार से बढ़ाकर 35 हजार किया गया है। आयु सीमा में छूट समेत अन्य रियायतें भी दी गई हैं। इसके अलावा अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए निजी शिक्षण संस्थाओं में शुल्क निर्धारण के लिए कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। इसमें कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य संयोजक और राज्यमंत्री धन सिंह रावत सदस्य होंगे।