देहरादून (ब्यूरो) मलिन बस्तियों में अवैध निर्माण पर की जा रही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के विरोध की आशंका है। 2016 के बाद बड़ी संख्या में कब्जा किए बैठे ऐसे कई व्यक्ति हंगामा कर सकते हैं। हालांकि, नगर निगम और प्रशासन के साथ ही बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स कार्रवाई आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं। टीम विरोध करने वालों को खदेडऩे के लिए तमाम उपकरणों के साथ पहुंचेगी।

एसएसपी के नेतृत्व में रणनीति
अतिक्रमण हटाने को लेकर एसएसपी अजय ङ्क्षसह की अध्यक्षता में बैठक कर रणनीति तैयार की गई। एसएसपी की बैठक में इसी बात पर चर्चा की गई कि अतिक्रमण के प्रकरणों के निस्तारण के क्रम में अभियान को निरंतर गति दी जाएगी। जिससे सभी शंकाओं के समाधान के क्रम में अतिक्रमण पर सख्त कार्रवाई की जा सके। बैठक में नगर आयुक्त गौरव कुमार, पुलिस अधीक्षक नगर प्रमोद कुमार, अपर नगर आयुक्त बीर ङ्क्षसह बुदियाल, उप नगर आयुक्त सदर गोपाल राम बिनवाल, उपजिलाधिकारी सदर हर गिरि मुख्य रूप मौजूद रहे।

सीओ ने किया क्षेत्र का दौरा
मंडे को अतिक्रमण हटाने से पहले संडे को पुलिस क्षेत्राधिकारी डालनवाला आशीष भारद्वाज ने चूना भ_ा से चंरद रोड क्षेत्र तक का निरीक्षण किया। मंडे से संयुक्त टीम अतिक्रमण पर कार्रवाई करने जा रहा है। पहले दिन 25 से 30 अवैध कब्जों को हटाने का प्रयास किया जाएगा। बताया जा रहा है कि चूना भ_ा से चंदर रोड बस्ती के बीच एक हिस्ट्रीशीटर की ओर से धड़ल्ले से कब्जे किए गए हैं।

कब्जे कर बेच डाली जमीनें
रिस्पना के किनारों पर स्थित सरकारी जमीनों पर 2016 के बाद कब्जे कर हिस्ट्रीशीटरों ने बेच डाली। चूना भ_ा से चंदर रोड बस्ती के बीच भी ऐसे हिस्ट्रीशीटरों के नाम सामने आ रहे हैं, जिन्होंने बड़े पैमाने पर कब्जे किए और अवैध निर्माण कर स्टांप पेपर पर बेच डाले। एक हिस्ट्रीशीटर के कई कई अवैध निर्माण होने की बात सामने आ रही है। पुलिस की ओर से भी ऐसे अपराधियों पर नकेल कसने की कार्रवाई की जा रही है।

13 किमी। में अवैध निर्माण
रिस्पना नदी के किनारे अतिक्रमण को ध्वस्त करने की कार्रवाई एनजीटी के आदेश के क्रम में की जा रही है। जिसके क्रम में नगर निगम ने रिस्पना नदी किनारे काठबंगला बस्ती से लेकर मोथरोवाला के बीच के 13 किमी भाग पर 27 मलिन बस्तियों का सर्वे किया गया। इनमें 2016 के बाद 524 अतिक्रमण पाए गए। 89 अतिक्रमण नगर निगम की भूमि पर, जबकि 12 नगर पालिका मसूरी और 11 राजस्व भूमि पर पाए गए।

एमडीडीए की जमीन से हटेंगे 414 अतिक्रमण
इसके अलावा नगर निगम के नियंत्रण में रिवर फ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए जिस भूमि को एमडीडीए के नियंत्रण में दिया गया था, उस पर 414 से अधिक अतिक्रमण होने की बात सामने आई है। बाकी विभागों व एजेंसियों को छोड़कर नगर निगम ने आपत्तियों की सुनवाई के बाद 73 अतिक्रमण की अंतिम सूची तैयार की। जिन पर आज से कार्रवाई की जा रही है।

एमडीडीए भेज चुका 300 नोटिस
रिस्पना नदी के किनारों पर 2016 के बाद किए गए निर्माण की सूची में एमडीडीए की रिवर फ्रंट डेवलपमेंट की जमीनों पर करीब 414 अतिक्रमण हैं। जिनमें से अभी तक ध्वस्तीकरण को लेकर करीब 300 नोटिस भेजे जा चुके हैं। नोटिस में साफ कहा गया है कि एमडीडीए के प्रबंधन की जमीनों में नगर निगम ने अतिक्रमण चिह्नित किए हैं, संबंधित लोग 30 जून तक अपने अवैध निर्माण खुद हटाने का अल्टीमेटम दिया गया है। इसके बाद एमडीडीए की ओर से अवैध निर्माण ध्वस्त किए जाने की बात कही गई है। बताया जा रहा है कि एक सप्ताह बाद इन पर एमडीडीए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर सकता है। ।

नगर निगम की मंशा पर उठे सवाल
बताया जा रहा है कि संयुक्त टीम के निरीक्षण के दौरान एमडीडीए के स्वामित्व की जमीन पर 414 अतिक्रमण चिन्हित किए गए हैं, लेकिन दो दिन पहले नगर निगम ने एमडीडीए को करीब 200 से अधिक लोगों की आपत्तियों को एमडीडीए में भेजा गया है, जिसमें कहा गया कि ये निर्माण 2016 से पहले के बताए जा रहे हैं। लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि संयुक्त टीम ने किन तथ्यों के आधार पर इन्हें 2016 का पाया। जो लोग आज साक्ष्य दे रहे हैं, जब कागज मांगे गए तो क्यों नहीं दिए। इसको लेकर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

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