देहरादून

वर्ष 2016 में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार से बागी हुए विधायकों की 'हॉर्स ट्रेडिंग' (खरीद-फरोख्त) करने के षडयंत्र में तीन वर्ष की जद्दोजहद के बाद आखिरकार वेडनसडे को सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली। सीबीआई की दिल्ली ब्रांच में एक इन्क्वायरी रिपोर्ट के आधार पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और उमेश कुमार व अन्य के खिलाफ क्रिमिनल कॉन्सपरेंसी और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में 23 मार्च 2016 को हरीश रावत और उमेश कुमार के बीच देहरादून एयरपोर्ट के वीआईपी लॉउंज में हुई बातचीत के अलावा हरक सिंह रावत के नंबर पर की गई कॉल के कन्वर्सेशन को वर्ड टू वर्ड रिकॉर्ड पर लिया है। साथ ही इस बीतचीत के वीडियो की गांधीनगर एफएसएल से कराई गई जांच रिपोर्ट को भी बतौर एविडेंस शामिल किया गया है।

हरीश रावत, हरक सिंह दोनों फंसे:

सीबीआई ने एफआईआर में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत निवासी चौनालिया, अल्मोड़ा, कैबिनेट मंत्री मिनिस्टर हरक सिंह रावत निवासी श्रीकोट गंगोली श्रीनगर और उमेश कुमार सीईओ एडिटर इन चीफ समाचार प्लस निवासी इंदिरापुरम गाजियाबाद व अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। वर्ष 2016 में इस मामले की सीबीआई से जांच कराने के लिए हरक सिंह रावत ने ही राज्यपाल को पत्र भेजा था। जिसके साथ हॉर्स ट्रेडिंग के लिए असंतुष्ट विधायकों और उनके परिवारजनों को उत्तराखंड के तत्कालीन सीएम हरीश रावत द्वारा धमकाने,पद और धन का लालच देने वाली वीडियो रिकॉर्डिग भी सौंपी थी। राज्यपाल ने उसे जांच के लिए सीबीआई को भेजा था। हरीश रावत इस मामले में सीबीआई इंक्वायरी के खिलाफ हाईकोर्ट चले गए थे। हाईकोर्ट ने सीबीआई को इंक्वायरी से नहीं रोका लेकिन एफआईआर या अन्य कोई कार्रवाई करने से पहले कोर्ट को अवगत कराने के लिए कहा था। सीबीआई उस पत्र पर पीई (प्रिलिमिलरी इंक्वायरी) दर्ज कर साक्ष्य जुटा रही थी। साक्ष्य जुटाकर सीबीआई ने पिछले माह ही हाईकोर्ट से एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी। कोर्ट ने अनुमति दे दी थी।

आप भी जाने एफआईआर में क्या:

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट पाठकों को बता रहा है इस बहुचर्चित केस की सीबीआई एफआईआर वर्ड टू वर्ड

सीबीआईएफआईआर के मुताबिक राज्यपाल से मिले पत्र पर इनक्वायरी में पता चला कि उत्तराखंड विधान सभा में 18 मार्च 2016 को वित्त विधेयक पारित होने के बाद कांग्रेस के असंतुष्ट विधायक भाजपा सदस्यों के साथ चार्टर्ड फ्लाइट से देहरादून से रवाना होकर गुडगांव शिफ्ट हो गए। न्यूज चैनल के सीईओ उमेश शर्मा ने गुडगांव पहुंच कर असंतुष्ट विधायकों में हरक सिंह रावत से मुलाकात की। इस मीटिंग में हरीश रावत को समर्थन देने के लिए फायदा हासिल करने का आपराधिक षडयंत्र रचा गया। इस मीटिंग में हरक सिंह रावत ने उमेश कुमार को हरीश रावत से मिलकर डिप्टी सीएम का पद, दो विभाग और कैश की डिमांड रखने के लिए कहा। इसी मीटिंग के परिपेक्ष्य में 23 मार्च को उमेश कुमार ने हरीश रावत के साथ देहरादून एयरपोर्ट के वीआईपी लाउंज में बातचीत की जिसका अपने मोबाइल से वीडियो रिकॉर्डिग कर लिया।

सीबीआई को वीडियो रिकॉर्डिग के विश्लेषण में पता चला कि हरीश रावत से मुलाकात से पहले उमेश ने हरक सिंह रावत को कॉल कर कहा था कि वह हरक सिंह की तरफ से बातचीत फाइनल करने के लिए अधिकृत है। हरीश रावत के आने पर उमेश ने हरक सिंह से मोबाइल पर बात कराई, जिसमें हरक सिंह की तरफ से यह कहा गया कि उमेश उसकी तरफ से सभी मांगे रखने के लिए अधिकृत है।

आगे की बातचीत में उमेश कमार ने हरीश रावत के सामने हरक सिंह को डिप्टी सीएम बनाए जाने, संभव हो तो उनकी पसंद के दो डिपार्टमेंट देने और कुछ कैश की डिमांड रखी। उमेश ने आश्वस्त किया कि ये मांगे पूरी हो जाएंगी तो हरक सिंह रावत दो अन्य विधायकों के साथ कांग्रेस में वापस आ जाएंगे।

मेरे पास देने के लिए कुछ नहीं है:

इस बातचीत में हरीश रावत ने रिप्लाई किया कि उसके पास देने के लिए कुछ नहीं बचा। वे उसके साथ आ जाएं और उन विभागों से कमाएं जो उन्हें दिए जाएंगे। (30 करोड़ का जिक्र है, जितने की संभवत:डिमांड की गई थी) यह सुनकर उमेश ने हरीश रावत को प्रपोजल दिया कि 5-7 करोड़ वह अरेंज कर देगा, बाकी 5 करोड़ अरेंज करने के लिए हरीश रावत से रिक्वेस्ट की। इस पर हरीश रावत ने रिप्लाई किया कि अभी उमेश कहीं से व्यवस्था कर दे और 29 मार्च की शाम आ जाए, एक यो दो की टॉपिंग के साथ चुका देंगे।

उमेश ने 10 वह दिल्ली में अरेंज करने और 5 का इंतजाम हरीश रावत को करने की बात कही। साथ ही कहा कि हरक को 15 का ऑफर देते हैं। इस पर उमेश ने फिर पूरी बातचीत को 3 बिंदुओं पर संक्षिप्त किया। पहला, मंत्री का दर्जा, दूसरा, दो विभाग और तीसरा 25 की जगह 15 जिस पर हरीश रावत ने सहमति दी है।

हरीश,हरक और उमेश का कन्वर्सेशन वर्ड टू वर्ड:

इसके बाद उमेश ने हरक सिंह रावत को कॉल पर लेकर इंफॉर्म किया।

मोर और लैस, बात हो गई है, ठीक है, बाकी में आपको आकर बताता हूं। चलो लो एक सेकेंड बात कर लो,

उमेश ने हरक सिंह रावत की बात सुनने के लिए मोबाइल हरीश रावत तो थमा दिया

ठीक है, तुम तो मेरे को सस्ते में निपटा रहे हो, मैं तो छोटे भाई के तरीके से सब तुमकों देकर चाहता हूं। मैं तो दसियों लोगों से कहता था, उससे ज्यादा नजदीक मेरा कोई कोई नहीं है, लेकिन ये तो सस्ती बात है। ये आ रहा है आपके पास बात करिए। और फोन उमेश को थमा दिया।

उमेश ने फिर कहा, 5 आप दोगे, 10 की व्यवस्था मैं करूंगा, अगर मेरे पास शार्ट पडे तो मैं फिलहाल इसे 12 ही दे दूंगा।

हरीश रावत ने रिप्लाई किया, वो कर 10, बाकी 29 को जो है हम इसे यहां डिलीवर कर देंगे। आप 29 को आओ, आप सब रगड़ा छोड़ो, मैं 29 को आउंगा, तब आप अपनी गारंटी पर कर लो उससे जो कुछ करना है।

एफएसएल जांच में सहीं पायी गई वीडियो रिकॉर्डिग:

23 मार्च 2016 की इस वीडियो रिकॉर्डिग सीबीआई ने एफएसएल गांधीनगर में परीक्षण कराया। लैब की रिपोर्ट इसमें किसी भी तरह की छेड़छाड़ से इनकार करते हुए इसे वास्तविक बताया। पीई की इन्क्वायरी करने वाले सीबीआई के डिप्टी एसपी आरएल यादव ने इस रिपोर्ट को अग्रिम कार्रवाई के लिए एसपी के सामने पेश किया। इस पर सीबीआई एसपी सोनल चंद्रा ने एफआईआर दर्ज करने के साथ ही जांच डिप्टी एसपी प्रमोद कुमार को सौंप दी है।

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पीसी एक्ट 1988 की धारा 7,8,9 व 12- क्रिमिनल मिसकंडक्ट बॉय पब्लिक सर्वेट