- वर्कर्स की उम्र को लेकर नहीं मिले पुष्ट दस्तावेज

- 4 नाबालिग लड़कियां मिलीं काम करते, 90 के दस्तावेज तलब

देहरादून।

बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सेलाकुई स्थित फैक्ट्री में छापेमारी कर वहां काम कर रहे कर्मचारियों के डॉक्यूमेंट्स की पड़ताल की। कई डॉक्यूमेंट्स में कमी पाए जाने पर उन्हें अपने पास रख लिया साथ ही फैक्ट्री में कार्यरत सभी कर्मचारियों के डॉक्यूमेंट्स की जांच के ऑर्डर दिए हैं। मौके पर चार नाबालिग बालिकाएं भी फैक्ट्री में काम करतीं मिलीं।

यह हैं मामला

वेडनसडे को बचपन बचाओ और मदर्स एंजल चिल्ड्रन सोसाइटी की टीम एक शिकायत के आधार पर सेलाकुई स्थित एक फैक्ट्री में पहुंची। इस दौरान यहां पर करीब 4000 कर्मचारी मिले। टीम ने जब जांच की तो फैक्ट्री में कई कमियां मिलीं। इस शिकायत के आधार पर बाल आयोग की टीम भी थर्सडे को फैक्ट्री में औचक निरीक्षण के लिए पहुंची। निरीक्षण के दौरान फैक्ट्री कैंपस में गंदगी पाई गई, टॉयलेट और किचन भी काफी गंदे थे।

एक जन्मतिथि के कई वर्कर

बाल आयोग की टीम जब जांच के लिए पहुंची तो यहां काम कर रहे कर्मचारियों की डेट ऑफ बर्थ एक ही मिली। यह सभी कर्मचारी अलग-अलग फैक्ट्री में काम करने आए थे। कंपनी में काम कर रहे एक कर्मचारी ने बताया कि वह 3 साल से यहां काम कर रहा है। वह नवालगंज से यहां काम करने आया है। लेकिन उसे जब उम्र पूछी तो उसने जानकारी होने से इनकार कर दिया। बाल आयोग ने पूछताछ की तो किसी भी कर्मचारी ने अपनी सैलरी कितनी है, नहीं बताई। कर्मचारियों ने कहा कि उनकी सैलरी बैंक अकाउंट में जमा होता है।

4 लड़कियां मिलीं नाबालिग

वर्कर्स की पड़ताल के दौरान फैक्ट्री में काम करने वाली 4 लड़कियों की उम्र 18 साल से कम मिली। जबकि 90 लड़कियों की उम्र एक ही थी। ऐसे में आयोग की टीम ने सभी के उम्र संबंधी दस्तावेज तलब किए हैं। साथ ही इन लड़कियों की मेडिकल जांच कराने के भी निर्देश दिए।

शिकायत के आधार पर जब टीम जांच के लिए पहुंची तो यहां पर कई कमियां मिली। यह कर्मचारी ठेकेदार के माध्यम से यहां रखे गए थे। जिनके दस्तावेजों में कई कमियां मिलने पर उनके दस्तावेज जांच के लिए भेजे गए हैं।

- ऊषा नेगी, अध्यक्ष बाल आयोग