देहरादून (ब्यूरो)। 73वें एनसीसी दिवस पर घंघोड़ा स्थित एनसीसी निदेशालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 15 एनसीसी कैडेट, छह एएनओ, चार पीआइ स्टाफ व तीन सिविल स्टाफ को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि जब भी इस तरह के कार्यक्रम में जाता हूं तो बचपन याद आता है। बाल्यावस्था में एनसीसी का हिस्सा रहा हूं। एनसीसी वह नर्सरी है, जहां भविष्य के वीर सैनिक तैयार होते हैं। यह राष्ट्र निर्माण में योगदान का एक शानदार अनुभव प्रदान करती है।

सरकार का पूरा ध्यान
एनसीसी के विस्तार और आधुनिकीकरण पर भी सरकार की तरफ से विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रयास है कि आने वाले समय में एक लाख नए कैडेट तैयार किए जाएं, जिनमें से एक तिहाई युवतियां हों। सरकार की योजना सीमावर्ती इलाकों में एनसीसी के कार्यक्षेत्र को और बढ़ाने की भी है।

युवाओं में है देशसेवा का जज्बा
एनसीसी के अपर महानिदेशक मेजर जनरल पीएस दहिया ने कहा कि उत्तराखंड के युवाओं में देशसेवा का जज्बा कूट-कूटकर भरा है। यहां सेना सिर्फ रोजगार का जरिया नहीं, बल्कि एक परंपरा है। इसलिए शिक्षण संस्थानों में एनसीसी की खासी मांग है। वर्तमान में 13 जिलों में 550 से आधिक शिक्षण संस्थानों में लगभग 40 हजार एनसीसी कैडेट हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशानुसार सीमावर्ती क्षेत्रों में एनसीसी के विस्तार के लिए उत्तराखंड को चार हजार रिक्तियां (चमोली, उत्तरकाशी, हल्द्वानी और पिथौरागढ़) अतिरिक्त आवंटित की गई हैं। इसके अलावा उत्तराखंड को शूटिंग अभ्यास के लिए प्रशिक्षण सिम्युलेटर भी मिले हैं।