- एमडीएम के तहत सीएम ने किया आंचल अमृत योजना का इनॉग्रेशन

- क्लास 1 से 5 तक की बुक्स की भी की लॉन्चिंग

देहरादून,

स्टेट के 17045 स्कूल्स के 6 लाख 90 हजार बच्चों को सप्ताह में एक बार फ्लेवर्ड मिल्क दिया जाएगा। थर्सडे को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लि। रायपुर रोड में उत्तराखंड सहकारी डेरी फेडरेशन और शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वाधान में मिड डे मील के अन्तर्गत मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना का इनॉग्रेशन किया। स्टूडेंट्स को दूध पिलाकर योजना की लॉन्चिंग हुई। इसके साथ ही सीएम ने कुमाऊंनी, गढ़वाली व जौनसारी शब्दकोष का विमोचन भी किया।

आंचल-अमूल के बीच हुआ था एमओयू

सीएम ने इस अवसर पर राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम द्वारा संचालित राज्य समेकित सहकारी समिति के 5 सदस्यों को दुधारू पशुओं की यूनिट स्थापित किये जाने के लिए लोन और ग्रांट के चेक वितरित किये। कार्यक्रम में सीएम की उपस्थिति में आंचल व अमूल के बीच एमओयू किया गया और बद्री गाय के घी विक्रय के लिए हिमालयन बास्केट प्रा। लि। और चंपावत दुग्ध संघ के मध्य एमओयू पर साइन किया गया। इस मौके पर सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना के तहत आंगनबाड़ी में बच्चों को सप्ताह में चार दिन दूध उपलब्ध कराया जा रहा है। अब स्कूलों में भी पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को सप्ताह में एक दिन दूध उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना को और आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के नौनिहालों में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, उनकी प्रतिभाओं को उभारने की जरूरत है। ऐसे प्रतिभाशाली बच्चे जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उनके लिए कक्षा 6 से 12वीं तक जयहरीखाल में आवासीय विद्यालय खोला जा रहा है। राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रतिभाशाली बच्चों को आगे लाया जाए। इस बार के वित्तीय बजट में ऐसे बच्चों के लिए सीएम इनोवेशन फंड बनाया गया है।

शिक्षक संघ नाराज

सीएम के कार्यक्रम में शिक्षक संघ को उचित सम्मान न मिलने से शिक्षक संघ ने नाराजगी दर्ज की है। उत्तराखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौहान ने बयान जारी कर कहा कि शिक्षा विभाग के कार्यक्रम में शिक्षकों का कोई जिक्र ही नहीं किया गया, जबकि स्कूलों में एमडीएम में दूध पिलाने से लेकर पूरी व्यवस्थाओं को देखने का जिम्मा टीचर्स का है, ऐसे में सीएम से लेकर किसी भी कैबिनेट मंत्री द्वारा शिक्षकों का जिक्र न करना दुर्भाग्यपूर्ण है।