-पीएम से मांगा गया है वक्त, इसके बाद तय होगी इनॉग्रेशन की डेट

-सीएम ने किया ऋषिकेश रेलवे स्टेशन व एसटीपी प्लांट्स का निरीक्षण

देहरादून, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे प्रोजेक्ट के तहत तैयार ऋषिकेश रेलवे स्टेशन, टिहरी में तैयार डोबरा चांठी पुल व ऋषिकेश में ही तैयार चंद्रभागा नदी पर बन चुका एसटीपी (सीवर ट्रीटमेंट प्लांट) का इनॉग्रेशन पीएम नरेंद्र मोदी कर सकते हैं। इसके लिए स्टेट गवर्नमेंट की ओर से बाकायदा, वक्त मांगा गया है। सीएम ने थर्सडे को ऋषिकेश में तैयार हो चुके रेलवे स्टेशन के निरीक्षण के दौरान ये बात कही। सीएम ने कहा कि जैसे ही पीएम वक्त देंगे, इन बड़े प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन कर दिया जाएगा।

सीएम ने थर्सडे को ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के तहत बने ऋषिकेश रेलवे स्टेशन का स्थलीय निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर प्लांटेशन भी किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने रेल विकास निगम लिमिटेड के अधिकारियों से रेलवे स्टेशन में अवस्थापना सुविधाओं की अपडेट ली। सीएम ने कहा कि योग नगरी ऋषिकेश में बने इस रेलवे स्टेशन को मॉडर्न लुक दिया गया है। स्टेशन के निर्माण में पर्यावरणीय अनुकूलन का विशेष ध्यान रखा गया है। सीनियर सिटीजन व दिव्यांगजनों के हिसाब से अलग से यूटिलिटी की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद राज्यवासियों को आवागमन की सुविधा मिलने के साथ ही बदरीनाथ व केदारनाथ आने वाले श्रद्धालुओं व टूरिस्ट को भी सुविधा मिल पाएगी। इस अवसर पर स्पीकर प्रेमचन्द अग्रवाल, मेयर ऋषिकेश अनीता मंमगाई आदि मौजूद रहे।

डोईवाला-उत्तरकाशी रेल लाइन से जुड़ेंगे चारधाम

सीएम ने कहा कि पीएम ने अवस्थापना विकास के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को कई सौगातें दी हैं। ऑल वेदर रोड, हवाई कनेक्टिविटी व रेल लाईनों के निर्माण से उत्तराखंड में आवागमन की सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। डोईवाला-उत्तरकाशी रेल लाइन बनने के बाद उत्तराखंड के चारों धाम रेल कनेक्टिविटी से जुड़ जाएंगे।

21 मीटर ऊंचा देश का पहला एसटीपी

सीएम ने रेलवे स्टेशन के निरीक्षण के बाद चन्द्रेश्वर नगर, ऋषिकेश में बन रहे 7.5 एमएलडी के मल्टीपर्पज सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का भी विजिट किया। बताया कि ये एसटीपी नमामि गंगे योजना के तहत पेयजल निगम द्वारा बनाया गया है। 12 करोड़ रुपये की लागत के इस एसटीपी से चन्द्रेश्वर नाला, ढालवाला नाला व शमशान घाट नाला को टेप करने के बाद शोधन किया जा रहा है। फिल्टर जल की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप होने पर गंगा नदी में छोड़ा जा रहा है। बताया कि ये एसटीपी देश का पहला ऐसा एसटीपी है, जो मल्टी स्टोरी है और इसकी ऊंचाई 21 मीटर है। एसटीपी से शोधित जल का सिंचाई के लिए भी यूज किया जाएगा।