- ओएनजीसी से कोविड वैक्सीन स्टोर करने के लिए दिए थे 300 डीप फ्रीजर

- 150 से ज्यादा हेल्थ विभाग के कंपाउंड में खुले में धूल फांक रहे

देहरादून,

राज्य का हेल्थ डिपार्टमेंट कोविड वैक्सीन को लेकर कितना सजग है, इसका उदाहरण दून में चंद्रनगर स्थित डिपार्टमेंट के स्टोर में देखा जा सकता है। वैक्सीन की कोल्ड चेन मेंटेन रखने के लिए मिले करीब 175 चेस्ट फ्रीजर यहां पिछले कई महीने से खुले में रखे हुए हैं। लगातार हो रही बारिश, तेज धूप और आंधी के कारण ये चेस्ट फ्रीजर कबाड़ होने के कगार पर पहुंच गये हैं, लेकिन इन्हें संबंधित हॉस्पिटल्स तक भेजने या स्टोर में सुरक्षित जगह पर रखने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।

एक फ्रिज बनाम 175 डीफ्रीजर

पिछले दिनों एक पूर्व सीएम की ओर से कोरोनेशन हॉस्पिटल को दिया गया एक फ्रीजर सोशल मीडिया में जबरदस्त तरीके से वायरल हुआ था। दरअसल हॉस्पिटल का निरीक्षण गये पूर्व सीएम को बताया गया कि वैक्सीन रखने के लिए फ्रिज नहीं है। पूर्व सीएम ने अपने घर का पुराना फ्रिज भेजकर सोशल मीडिया पर डाल दिया। फ्रिंज का एक स्टैंड टूटा हुआ था। इस पर पूर्व सीएम खूब ट्रोल हुए। इसके बाद किसी और से हॉस्पिटल को नया फ्रिज डोनेट किया। खास बात यह है कि जब यह सब चल रहा था, तब भी 175 डीप फ्रीजर हेल्थ डिपार्टमेंट के कंपाउंड में धूल फांक रहे थे, लेकिन किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया।

ओएनजीसी ने किए थे डोनेट

बताया जाता है कि करीब छह महीने पहले जब कोविड वैक्सीनेशन शुरू करने की तैयारियां चल रही थी तो वैक्सीन की कोल्ड चेन मेंटेन करने के लिए डीप फ्रीजर की जरूरत महसूस गई। ओएनजीसी में अपने सीएसआर फंड से हेल्थ डिपार्टमेंट को 300 चेस्ट फ्रीजर उपलब्ध करवाये गये। इनमें से करीब 125 फ्रीजर कुछ हॉस्पिटल्स को उपलब्ध करवा दिये गये और बाकी 175 हेल्थ डिपार्टमेंट के चंद्रनगर स्थिति स्टोर कंपाउंड में रखवा दिये गये। तब से ये फ्रीजर वहीं पडे़ हुए हैं। लकड़ी की पैकेजिंग होने के कारण अब तक हो सकता है खराब होने से बच गये हों, लेकिन आने वाले दिनों में लगातार बारिश होने से इनके पूरी तरह खराब होने की ंसंभावना बनी हुई है।

करोड़ों में है कीमत

गोदरेज कंपनी द्वारा बनाये ये वैक्सीन परपज के इस चेस्ट फ्रीजर की मॉडल नंबर जीवीआर 99 एल है। इंडिया मार्ट पर इसकी कीमत 1 लाख 897 रुपये दिखाई गई है। जबकि एक जगह इसकी कीमत 1 लाख 1 रुपये प्रदर्शित है। यदि एक फ्रीजर की कीमत 1 लाख रुपये भी मान ली जाए तो 1 करोड़ 75 लाख रुपये के चेस्ट फ्रीजर पिछले छह महीने से ज्यादा समय से खुले में पड़े खराब हो रहे हैं, लेकिन कोई इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है।

क्या कहते हैं जागरूक लोग

यह बड़ी लापरवाही है। हम इस संबंध में सीएम का पत्र भेज रहे हैं। डीजी हेल्थ को भी इस बारे में अवगत करवाया जाएगा। जरूरत पड़ी तो हम आंदोलन भी करेंगे।

जयकृत कंडवाल, अध्यक्ष

उत्तरखंड पीपुल्स फोरम

कोविड वैक्सीन की कोल्ड चेन टूटते ही वैक्सीन खराब हो जाती है। लेकिन डीप फ्रीजर खुले में पड़े हुए खराब हो रहे हैं। सवाल यह है कि जरूरत नहीं थी तो मंगवाए क्यों, और मंगवाए हैं तो इस्तेमाल क्यों नहीं हो रहा।

प्रमिला रावत

उत्तराखंड क्त्रांति दल

ये संसाधनों का दुरुपयोग है। ये तो सामने नजर आ रहे हैं। जो नजर नहीं आ रहे वह तो पता नहीं कितना कुछ इसी तरह बर्बाद हो रहा होगा। यह लोगों के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ है।

राकेश पंत

सोशल वर्कर

एक तरफ खबर मिलती है कि सरकारी हॉस्पिटल में वैक्सीन रखने के लिए डीप फ्रीजर नहीं है और लोग फ्रिज डोनेट करते हैं। दूसरी तरफ लाखों रुपये के फ्रीजर छह महीने से खुले में रखे हैं। यह बेहद शर्मनाक है।

सुभाष बुड़ाकोटी

उत्तराखंड क्त्रांति दल