-डिग्री कॉलेज 12 जून तक बंद, निकायों व प्रधानों के अधिकार 30 जून तक बढ़ाए

-उच्च शिक्षा ने शासन को लिखा था पत्र, किया था 105 डिग्री कॉलेजों में समर ब्रेक करने का अनुरोध

-सरकार ने नगर निकायों व ग्राम प्रधानों के अधिकार भी 30 जून तक बढ़ाए

देहरादून, कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे खतरे को देखते हुए कंट्रोल करने के लिए प्रयास जारी हैं। कोविड क‌र्फ्यू जारी है। स्कूल बंद हैं, लेकिन अब डिग्री कॉलेजों को 12 जून तक बंद रखने की मंजूरी दी गई है। इधर, दूसरी तरफ देश के तमाम क्षेत्रों से लौट रहे प्रवासियों पर निगरानी के मद्देनजर नगर निकायों और ग्राम प्रधानों के अधिकार भी शासन ने 30 जून तक बढ़ा दिए हैं। इसके अलावा सरकार ने अटल आयुष्मान योजना के तहत सूचीबद्ध हॉस्पिटलों में एडमिट कोरोना पेशेंट्स को फ्री प्लाज्मा चढ़ाए जाने पर भी मंजूरी दी है। ऐसे हॉस्पिटलों को इसकी प्रतिपूíत राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के जरिये होगी।

शासन ने दी मंजूरी

देहरादून, कोरोना सेकेंड वेव को देखते हुए सरकार ने सभी सरकारी डिग्री कॉलेजेस में फ्राइडे से 12 जून तक समर ब्रेक की घोषणा की है। खास बात ये है कि ये अवकाश उन पर्वतीय क्षेत्रों के डिग्री कॉलेजेस में भी लागू होगा, जहां समर ब्रेक की जगह विंटर ब्रेक होते हैं। सरकार के इस फैसले से शिक्षकों और स्टूडेंट्स को राहत मिली है। इससे पहले कोरोना संक्रमण को देखते हुए 3 मई को आदेश जारी कर राज्य की सभी यूनिवर्सिटीज के साथ ही डिग्री कालेजेस को बंद रखने का निर्णय सरकार ले चुकी थी। इस बीच उच्च शिक्षा निदेशक ने शासन को पत्र लिखकर कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए मैदानी और पर्वतीय सभी सरकारी 105 डिग्री कॉलेजेस में समर ब्रेक करने का अनुरोध किया था। उच्च शिक्षा निदेशक के इस अनुरोध को सरकार ने स्वीकार कर फैसला लिया है। उच्च शिक्षा उपसचिव शिव स्वरूप त्रिपाठी ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। ग्रीष्मावकाश में मैदानी व पर्वतीय क्षेत्रों के डिग्री कॉलेजेस के पहले और भविष्य में देय अवकाशों का समायोजन किया जाएगा।

प्रवासियों पर निगरानी रखेंगे निकाय व प्रधान

शासन ने कोरोना संक्रमण की वजह से दूसरे राज्यों से उत्तराखंड की ओर लौट रहे प्रवासियों पर निगरानी के मद्देनजर नगर निकायों और ग्राम प्रधानों के अधिकार अब 30 जून तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। कहा गया है कि ये सभी शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित क्वारंटीन सेंटरों में आइसोलेशन में रह रहे प्रवासियों पर नजर रखेंगे। दरअसल, गत वर्ष राज्य के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवासियों के होम आइसोलेशन को लेकर सरकारी भवनों में क्वारंरीन सेंटर बनाए गए थे। उस दौरान नगर निकायों और ग्राम प्रधानों को निगरानी का अधिकार दिए गए थे। यह भी कहा गया था कि वे इनकी जानकारी साझा करेंगे। पहले इस सिलिसिले में दिए गए अधिकारों की अवधि 31 मार्च तक निर्धारित थी। अब इस अधिकार की समयावधि 30 जून तक बढ़ा दी गई है। सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन की ओर से आदेश जारी किए गए हैं।

अटल आयुष्मान योजना में अब फ्री प्लाज्मा की सुविधा

सरकार ने अटल आयुष्मान योजना के तहत सूचीबद्ध हॉस्पिटलों में एडमिट कोरोना पेशेंट्स को फ्री प्लाज्मा भी चढ़ाए जाने पर भी मंजूरी दे दी है। कहा गया है कि इन हॉस्पिटलों में आने वाले खर्चे की प्रतिपूíत राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के जरिये होगी। कोरोना के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए सीरियस पेशेंट्स की जान बचाने में प्लाज्मा थेरेपी कारगर साबित हो रही है।

-प्लाज्मा थेरेपी में कोरोना से रिकवर होने वाले व्यक्ति के खून से प्लाज्मा लेकर मरीज को चढ़ाया जाता है।

-इससे मरीज के ठीक होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

-आसानी से न प्लाज्मा न मिलने के कारण हॉस्पिटलों में बढ़ रहे बिल।

-गत वर्ष सरकार ने योजना से आच्छादित मरीजों कोरोना का इलाज फ्री करने का लिया था फैसला।

-लेकिन, योजना में शामिल नहीं थी प्लाज्मा इन्फ्यूजन की सुविधा।