देहरादून (ब्यूरो) आरटीओ में आजकल अजब-गजब के किस्से सुनने को मिल रहे हैं। दरअसल, आरटीओ की ओर से टैक्स वसूली के कई बड़े बकाएदारों की सूची जारी की गई है। इसी क्रम मेें कुछ ऐसे भी मामले सामने आए, जिन्होंने लंबे समय से कॉमर्शियल वाहनों का टैक्स जमा नहीं किया था। बाकायदा, उन पर महीनों से लाखों रुपए के टैक्स की पेंडेंसी बन गई। जब, उन्हें नोटिस जारी किया तो वे ऐसे वाहन स्वामियों के कान खड़े हो गए। वे आरटीओ ऑफिस पहुंचे। उसके बाद उन्हें पता चला कि उनके ऊपर तो उनके कॉमर्शियल वाहन के लाखों रुपए के टैक्स का बकाया पेंडिंग है। जब उन्होंने आरटीओ को जानकारी दी कि लोन की किश्त जमा न होने के कारण उनके वाहन को कई महीने पहले ही संबंधित बैंक उठाकर ले गया। यहां तक कि उनके वाहन को किसी दूसरे राज्य में बैंक ने मुनाफे के चक्कर में बेच भी दी है। ऐसी जानकारी मिलने के बाद आरटीओ ऑफिस भी चक्कर में पड़ गया।
राहत देने की कर रहे गुजारिश
बताया जा रहा है कि जब आरटीओ ने टैक्स पेंडेंसी के चक्कर में करीब 200 वाहनों की आरसी जारी की, तब उसमें से करीब ऐसे 30 मामले मिले, जिनके वाहन संबंधित बैंक उठाकर ले गए हैं। लेकिन, बदले में पुराने वाहन स्वामी के ऊपर टैक्स का भार बढ़ते जा रहा है। अब ऐसे वाहन स्वामी आरटीओ से राहत देने की गुजारिश कर रहे हैं। बदले में आरटीओ ने उनको भरोसा दिया है।
जरूर देनी होगी सूचना
लोन की किश्त जमा न होने पर जब लोन देने वाला संबंधित बैंक जब वाहन उठाकर ले जाता है, तो बैंक और संबंधित वाहन स्वामी को इसकी सूचना आरटीओ ऑफिस में देनी होती है। लेकिन, नहीं दी जा रही है। लेकिन, अब आरटीओ ने स्पष्ट कर दिया है। इसकी जरूर सूचना देनी होगी। ऐसा न होने पर वाहन स्वामी को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। जैसा आजकल देखने को मिल रहा है।
कई वाहनों का लंबे समय से टैक्स जमा नहीं पाया है। ऐसे बकायेदारों से लगातार वसूली की प्रक्रिया की जा रही है। इस दौरान ऐसे प्रकरण सामने आए हैं। लोगों की परेशानी को देखते हुए जांच-पड़ताल के बाद जितना संभव हो सके, छूट दी जा रही है। लेकिन, लोगों को इस पर अवेयर रहने की जरूरत है।
नवीन सिंह, एआरटीओ, प्रशासन।