देहरादून(ब्यूरो)। बताया जाता है कि हरिद्वार निवासी सत्य प्रकाश बहुउद्देश्यीय दीर्घाकार सहकारी समिति त्यूनी में वर्ष 2013 से 2019 तक सचिव पद पर रहे। आरोप है कि इस दौरान उन्होंने समिति में लाखों रुपये की हेराफेरी की। इस संबंध में त्यूनी के सहायक विकास अधिकारी आनन्द सिंह ने पिछले वर्ष 20 सितंबर को थाना त्यूनी में सत्यप्रकाश के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था और अपने कार्यकाल के दौरान यानी 2013 से 2019 के बीच 57 लाख 75 हजार 195 रुपये के गबन करने का आरोप लगाया था।

रिटायरमेंट के बाद मामला खुला
सत्यप्रकाश के खिलाफ शिकायत तब दर्ज की गई थी, जब वे सहकारी समिति के सचिव पद से रिटायर हो गये थे। पुलिस ने असिस्टेंट डेवलममेंट ऑफिसर की शिकायत पर मामला दर्ज करके छानबीन शुरू की। सत्यप्रकाश के विरुद्ध रिकॉर्ड और साक्ष्य इकट्ठा किये गये। जांच में पाया गया कि कि आरोपी सत्यप्रकाश ने सहकारी समिति में अपने कार्यकाल में वर्ष 2013 से वर्ष 2019 तक कुल 59 लाख, 26 हजार,325 रुपये का गबन किया था। आरोपी के विरुद्ध पर्याप्त सबूत मिलने के बाद सीओ विकासनगर के डायरेक्शन में थाना स्तर पर पुलिस टीम का गठन किया गया। टीम द्वारा ठोस आरोपी के बारे में सभी आवश्यक जानकारियां जुटाई और ट्यूजडे को सत्यप्रकाश पुत्र स्व। प्रेमचंद को उसके निवास स्थान सैनिक कॉलोनी गंगनहर हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को विकासनगर कोर्ट में पेश कर जिला जेल देहरादून भेज दिया गया है।

क्या हैं आरोप
आरोप है कि सत्यप्रकाश ने सचिव पद का बेजा इस्तेमाल करते हुए समिति की धनराशि के फर्जीवाड़ा किया। कई ऐसे कामों पर धनराशि खर्च होना बताया गया, जो वास्तव में हुए ही नहीं थे। कई कामों में वास्तविक से ज्यादा धनराशि खर्च होना बताया गया था। आरोप है कि उन्होंने इस अमाउंट का इस्तेमाल अपने निजी लाभ के लिए किया था। पुलिस के अनुसार फिलहाल आरोपी को जेल भेज दिया गया है। जरूरत पड़ने पर आगे भी पूछताछ की जाएगी।