-कोरोना की दूसरी लहर में हॉस्पिटल में बेड को लेकर मच रही मारामारी

-ज्यादा परेशानी न हो, तो डॉक्टर्स की सलाह लेकर घर पर ही शुरू करें इलाज

देहरादून,

कोरोना की दूसरी लहर का असर अस्पतालों में बेड को लेकर चल रही मारामारी के बीच नजर आने लगा है। कोविड मरीजों के लिए बनाए गए दून अस्पताल में फ्राइडे को भी 350 से ज्यादा बेड फुल बताए गए। यही हाल दूसरे कोविड डेडीकेटेड हॉस्पिटल का नजर आ रहा है। ऐसे में बेड को लेकर चल रही मारामारी भी सामने आ रही है। डॉक्टर्स द्वारा एसिम्टोमैटिक या ज्यादा परेशानी न होने पर घर से ही इलाज शुरू करने की सलाह दी जा रही है। सरकार की और से मेडिकल किट और दूसरी जरूरी सावधानियां बरतने और अवेयर होने की भी सलाह दी जा रही है। जिससे घर पर रहकर ही कोरोना मरीज खुद का ध्यान रख सकें। ऑक्सीजन लेवल कम होने या किसी तरह की ज्यादा परेशानी होने पर ही अस्पताल का रुख करने की सलाह दी जा रही है।

केस 1-

दून अस्पताल के प्रभारी एमएस डॉ। केसी पंत भी खुद 10 दिन से ज्यादा का समय घर पर ही आइसोलेट रहे। इसके बाद भी वे ऑफिस का कामकाज निपटाते रहे। और घर से ही डॉक्टर्स से एडवाइज लेते रहे। डॉ। पंत बताते हैं कि वे 2-4 घंटे में ऑक्सीजन लेबल और टेम्परेचर चेक करते रहते थे। साथ ही दवाइयां और प्रिकॉशन्स के साथ घर पर ही इलाज करते रहे। अब वे निगेटिव होने के बाद ऑफिस का काम शुरू कर रहे हैं।

केस 2-

प्रेमनगर निवासी मोहित कुमार और अर्जुन को 10 दिन पहले खांसी, बुखार और कुछ लक्षण दिखे। जिसके बाद दोनों ने कोरोना जांच करवाई, रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो दोनों पहले घबरा गए। लेकिन परिचित से फोन पर राय मांगी। परिचित ने घर पर रहकर ही गाइडलाइन फॉलो करने और एहतियात बरतने को कहा। इसके बाद दोनों ने घर पर ही आयुष्मान किट लेकर इलाज शुरू कर दिया। रोज व्यायाम और गर्म पानी पीने के साथ ही जरुरी गाइडलाइन फॉलो किया। थर्सडे को दोनों की रिपोर्ट निगेटिव आ गई।

कोविड रिपोर्ट पॉजिटव आए तो क्या करें।

-पैनिक न हों।

-डॉक्टर्स से सलाह लें।

-सीएमओ ऑफिस से संपर्क कर मेडिकल किट लें।

-सुबह उठकर व्यायाम करें।

-8 घंटे की नींद पूरी करें।

-तनाव न लें।

-दवाई समय पर लें।

-ऑक्सीमीटर साथ रखें।

-2-4 घंटे में ऑक्सीजन और टेम्परेचर चेक करें।

हॉस्पिटल की जरूरत कब

एसपीओटू लेवल 94 से कम होने पर, या फ्लक्चुएशन रहने पर।

खांसी ज्यादा न हो, या रेगुलर कई दिनों से होने पर

बुखार तेज और कई दिनों तक आता रहे।

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कोरोना पॉजिटिव होने पर अपने डॉक्टर्स से सलाह लें और एहतियात बरतें। एसिम्टोमैटिक पेशेंट हर 2-4 घंटे में अपना ऑक्सीजन और टेम्परेचर चेक करते रहें। सरकार की गाइडलाइन को फॉलो करते रहें। ज्यादा परेशानी होने पर अस्पताल का रुख करें।

डॉ। केसी पंत, प्रभारी एमएस, दून अस्पताल