- बाजार पूरी तरह से रहे बंद, पब्लिक की आवाजाही रही चालू

- घंटाघर के आसपास पुलिस ने बेवजह घूमने वालों के काटे चालान

देहरादून,

दून में संडे को वीकेंड कफ्र्यू पहले दिन बेअसर नजर आया। बाजार को छोड़कर आवाजाही आम दिनों की तरह ही सड़कों पर नजर आई। ऐसे में संडे को कफ्र्यू कम वीकली क्लोजर जैसे हालात नजर आए। पुलिस भी घंटाघर के आसपास बेरिकेड लगाकर बेवजह घूमने वालों से निपटती नजर आई।

बाजार में सन्नाटा

कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार के बीच दून के नगर निगम क्षेत्र में संडे को वीकेंड कफ्र्यू लागू रहा। हालांकि वीकेंड कफ्र्यू जैसे हालात सिर्फ घंटाघर के आसपास ही नजर आया, यहां सन्नाटा पसरा रहा। घंटाघर के आसपास पुलिस टीमें बेरिकेडिंग कर गाडि़यों की चेकिंग करती रही। एसपी सिटी सरिता डोबाल के नेतृत्व में पुलिस टीमें सड़क पर गाडि़यां लेकर निकले लोगों को पूछताछ करती नजर आई। इस दौरान पुलिस टीमों ने बेवजह सड़कों पर घूमने वालों के खिलाफ जमकर चालान किए। घंटाघर के अलावा दून के अधिकतर चौराहों पर आवाजाही आम दिनों की तरह ही नजर आई। इस दौरान कई लोगों को पुलिस ने रोका भी, लेकिन अधिकतर लोगों ने कफ्र्यू की जानकारी न होने की बात कहकर खुद को चालानी कार्रवाई से बचा लिया। इस दौरान पब्लिक कफ्र्यू और लॉकडाउन के अंतर को समझने को लेकर जानकारों से राय लेते रहे।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर नहीं रहा असर

संडे में कफ्र्यू लागू करने को लेकर सरकार और प्रशासन ने सैटरडे रात में ही आदेश जारी कर दिए थे, जो सुबह तक सोशल मीडिया और न्यूज पेपर के जरिए सबको मिल भी गए। बावजूद इसके संडे में पब्लिक ट्रांसपोर्ट बेरोकटोक चलते दिखे। विक्रम, ऑटो, ई रिक्शा, सिटी बस, आदि सभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट सड़कों पर नजर आए। पब्लिक की आवाजाही भी आम दिनों की तरह ही कई जगह नजर आई।

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सरकार को सैटरडे और संडे को सख्ती बरतने की आवश्यकता है। वेवजह आवाजाही पर रोक लगना जरूरी है।

अखिलेश राय

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कफ्र्यू के लिए जो नियम लागू किए गए हैं। उनका पालन होना जरूरी है। नहीं तो कफ्र्यू लगाने का कोई औचित्य नहीं है।

अमित गोयल

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सभी चौराहों पर बेरिकेडिंग करने की आवश्यकता है। लॉकडाउन में जिस तरह सख्ती की गई, वैसे ही करने की जरूरत है।

अनिल गोयल

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हफ्ते में 5 दिन सभी को अपने जरुरी काम निपटा लेने चाहिए। 2 दिन पूरी तरह से बंद होना चाहिए। यह समय की भी मांग है।

दिनेश कुमार

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पूरा लॉकडाउन होने से अच्छा है कि 2 दिन सभी लोग नियमों का पालन करें। पब्लिक को खुद से इसके लिए अवेयर होने की जरूरत है।

गौरव गुप्ता

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जब तक लोगों को सड़कों पर पुलिस नजर नहीं आती, तब तक कोई डर नहीं दिखता है। पुलिस को कफ्र्यू के दौरान और सख्ती दिखानी चाहिए।

माधव अग्रवाल

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बाजार बंद कर व्यापारियों ने एकजुटता का परिचय दिया है। साथ ही इस समय सभी को एकजुट होकर कोरोना से लड़ना है।

राज गुप्ता

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बाजार पूरी तरह से बंद रहे। ऐसे में पब्लिक का सड़कों पर निकलने का कोई औचित्य नहीं है। इमरजेंसी को छोड़कर किसी को सड़क पर नहीं आना चाहिए।

विजय मिश्रा