- जिले के सभी बॉर्डर पर पेड टेस्टिंग का आदेश बना परेशानी का कारण

- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने किया आशारोड़ी में रियेलिटी चेक

देहरादून

जिला प्रशासन ने दून के सभी बॉर्डर से 31 शहरों से आने वाले सभी लोगों के साथ ही खांसी, जुकाम, बुखार वालों को कोविड-19 टेस्ट कंपल्सरी कर दिया है। इसके लिए प्राइवेट लैब्स के पेड स्टॉल लगाने का दावा भी किया गया है। लेकिन, वेडनसडे दोपहर आशारोड़ी बैरियर पर कुछ दूसरा ही नजारा देखने को मिला। यहां सभी को टेस्टिंग करने के लिए तो कहा जा रहा था, लेकिन किसी प्राइवेट लैब का स्टॉल वहां नहीं था। ऐसे में कई लोगों को आशारोड़ी से वापस लौटना पड़ा।

प्राइवेट स्टॉल नहीं

आशारोड़ी चैकपोस्ट में सभी को रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए भेजा जा रहा है। रजिस्ट्रेशन स्मार्ट सिटी एप पर किया जाना है और पेड टेस्ट प्राइवेट लैब के स्टॉल पर। लेकिन, दोपहर एक बजे तक यहां किसी प्राइवेट लैब का स्टॉल नहीं था। एसआरएल डायग्नोसिस के तीन कर्मचारी वहां मौजूद तो थे, लेकिन उन्होंने न स्टॉल लगाया था और न टेस्टिंग शुरू की थी। लोगों की समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए।

फ्री स्टॉल पर गिने-चुने टेस्ट

चेकपोस्ट में एंटीजेन टेस्ट का सरकारी स्टॉल पिछले कई दिनों से चल रहा था। आज सुबह इस स्टॉल को हटा दिया गया था, लेकिन पेड स्टॉल न लगने के कारण चेकपोस्ट पर जमा हुए लोगों ने हंगामा कर दिया। इसके बाद फ्री स्टॉल फिर से चालू कर दिया गया, लेकिन इसमें गिने-चुने टेस्ट ही किये जा रहे थे।

लोग लौटने को विवश

रमेश और यशवीर सहारनपुर से बाइक पर दोपहर 12 बजे के करीब आशारोड़ी पहुंचे। रमेश को फौज में तैनात अपने रिश्तेदार को घर को कुछ चीजें, जिनमें अमरूद आदि शामिल थे, देनी थी, जबकि यशवीर को एक बैंक में अपना अकाउंट सहारनपुर ट्रांसफर करने की एप्लीकेशन देनी थी। दोनों को एक घंटे के भीतर वापस लौट जाना था। उन्हें रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहा गया। काफी देर से खुद प्रयास करने के बाद भी रजिस्ट्रेशन न हुआ तो दोनों ने 100 रुपये देकर पास की दुकान पर बैठे व्यक्ति से रजिस्ट्रेशन करवाया। इसके बाद उन्हें कोविड-19 टेस्ट करवाने के लिए कहा गया, लेकिन स्टॉल नहीं था। फ्री के स्टॉल पर उन्हें यह कहकर टाल दिया गया कि उनमें कोई सिम्टम्स नहीं हैं, लेकिन पेड स्टॉल वहां था ही नहीं। करीब दो घंटे तक तमाम प्रयास करने के बाद उन्होंने फौजी रिश्तेदार को आशारोड़ी बुलाया और उसे सामान सौंपकर वापस लौट गये।

सभी को कहा जा रहा टेस्ट करने को

नये नियम के अनुसार देशभर के 31 सबसे ज्यादा संक्रमित शहरों से आने वाले सभी लोगों का टेस्ट जरूरी कर दिया गया है। इन सिटी से आने वाले लोग या तो 96 घंटे पहले तक को कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट लाएंगे या फिर बॉर्डर पर टेस्ट करवाना होगा। लेकिन मौके पर सहारनपुर और छुटमलपुर से आने वालों को भी टेस्ट करवाने को कहा जा रहा है, जबकि ये दोनों शहर 31 शहरों की लिस्ट में नहीं हैं।

एक व्हीकल में कितने लोगों का टेस्ट

दिल्ली से यदि किसी परिवार के चार लोग कार से आये हैं तो उनमें से किसी एक का टेस्ट होगा या सभी का, यह भी अधिकारियों को मामूम नहीं है। तहसीलदार जसपाल राणा का कहना है कि शुरू में एक बस में आने वाले दो या तीन लोगों को टेस्ट किया जा रहा था। पॉजिटिव आने में उस बस में आने वाले सभी लोगों को टेस्ट किया जा रहा था। अब भी ऐसा ही होना चाहिए, हालांकि अभी उनके पास इस बारे में स्पष्ट आदेश नहीं हैं।

गाइडलाइंस तक नहीं

चेकपोस्ट में तहसीलदार जसपाल राणा को प्रशासन की ओर से तैनात किया जा रहा है, लेकिन उन्हें भी नहीं मालूम था कि जब पेड वाला स्टॉल है ही नहीं तो फिर लोग टेस्ट कहां करवाएं। हालांकि उन्होंने कहा कि थोड़ी देर में पेड स्टॉल पर टेस्ट शुरू हो जाएंगे।

सैंपल के बाद कहां जाएंगे

पेड टेस्ट में सैंपल की रिपोर्ट आने में 24 घंटे का समय लगने की संभावना जताई गई है, लेकिन सैंपल देने के बाद रिपोर्ट आने तक लोग कहां जाएंगे यह चेकपोस्ट पर तैनात कर्मचारियों को मालूम नहीं था। हालांकि सरकारी आदेश में कहा गया है कि सैंपल लेने के बाद रिपोर्ट आने तक संबंधित व्यक्तियों को पूरी तरह होम आईसोलेट होना पड़ेगा। लेकिन, दूसरे राज्यों से आने वाले जिन लोगों का घर दून में नहीं है, वे कहां जाएंगे, यह जानकारी किसी को नहीं है।

रजिस्ट्रेशन के नाम पर दलाली

आशारोड़ी में रजिस्ट्रेशन करने वाले दलाल फिर सक्रिय हो गये हैं। जो लोग अपने मोबाइल से स्मार्ट सिटी एप में रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पा रहे हैं, ऐसे लोगों से ये दलाल 50 से 100 रुपये तक वसूल करके रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं। शुरुआती दौर में ऐसे दलालों को एसडीएम ने खदेड़ दिया था, लेकिन अब फिर से ये सक्रिय हो गये हैं।

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जौलीग्रांट एयरपोर्ट, आशारोड़ी कुल्हाल और रेलवे स्टेशन पर तीन प्राइवेट लैब्स ने पेड टेस्टिंग का काम शुरू कर दिया है। फिलहाल सभी जगह एक-एक स्टॉल हैं और ये कंपनियां चाहें तो और स्टाल लगा सकती हैं। किसका टेस्ट करना है और किसका नहीं, ये वहां मौजूद प्रशासन के लोग तय करेंगे।

डॉ। अनूप डिमरी, सीएमओ