देहरादून (ब्यूरो)। सिटी में फैली गंदगी पर गौर करें तो आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस गंदगी में सबसे बड़ा हिस्सा प्लास्टिक कचरे का है और उसमें भी सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा सबसे ज्यादा है। अनुमान लगाया जाता है कि सिटी में हर रोज जेनरेट होने वाले कचरे का कम से कम 70 परसेंट हिस्सा प्लास्टिक कचरा होता है। नगर निगम ने इस बार इसी प्लास्टिक कचरे पर फोकस किया है और प्लास्टिक मुक्त अभियान इसका एक हिस्सा है।

स्कूल स्टूडेंट्स बनेंगे हिस्सा
दून के एसडीसी फाउंडेशन के सहयोग से सिटी में बीते 26 मार्च को प्लास्टिक मुक्त अभियान शुरू किया गया। इस अभियान के तहत सिटी के 100 से ज्यादा स्कूल्स और उनमें पढऩे वाले स्टूडेंट्स के माध्यम से उनके परिवार और नजदीकी लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस मुहिम के माध्यम से 25 से 30 हजार स्टूडेंट्स और उनके परिवारजनों तक पहुंचकर उन्हें प्लास्टिक कचरे के बारे में आगाह करने और अभियान का हिस्सा बनाने की योजना है।

78 स्कूल जुड़े
मेयर सुनील उनियाल गामा ने इस अभियान को देहरादून के लिए मील का पत्थर बताते हुए अब तक हुई प्रगति को संतोषजनक बताया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इसी तरह से अभियान आगे बढ़ता रहा तो आसानी से निर्धारित लक्ष्य हासिल हो पाएगा। उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल तक 78 स्कूल इस अभियान से जुड़ चुके हैं। मेयर के अनुसार पिछले 5 दिनों में 50 स्कूलों का दौरा किया गया है और 8 स्कूलों ने अभियान में शामिल होने संबंधी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। कई स्कूलों ने प्लास्टिक इक_ा करने का काम शुरू कर लिया है।

वॉलिंटियर्स का नेटवर्क तैयार
मेयर सुनील उनियाल गामा के अनुसार अब 352 प्लास्टिक प्रहरी (छात्र स्वयंसेवकों) का एक नेटवर्क तैयार किया जा चुका है। इसके अलावा अधिक से अधिक छात्रों और उनके परिवारों तक पहुंचने के लगातार प्रयास किये जा रहा हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस हफ्ते हम अभियान में भागीदारी कर रहे बाकी स्कूलों तक पहुंच जाएंगे।

ऐसे चलाया जाएगा अभियान
प्लास्टिक मुक्त अभियान के तहत सिटी के विभिन्न स्कूलों में प्लास्टिक बैंक खोले जाएंगे। स्कूल स्कूडेंट््स को प्लास्टिक कचरा कलेक्ट करने का टास्क दिया जाएगा। एक महीने बाद जिस स्कूल के प्लास्टिक बैंक में प्रति स्टूडेंट सबसे ज्यादा प्लास्टिक कचरा मिलेगा उसे पुरस्कार दिया जाएगा। अभियान का चलाने के लिए प्रत्येक स्कूल में प्रिंसिपल को प्लास्टिक संरक्षक, किसी सीनियर टीचर को प्लास्टिक योद्धा और हर क्लास के एक स्टूडेंट को प्लास्टिक प्रहरी बनाया जाएगा। इनके माध्यम ने स्टूडेंट्स के परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और दोस्तों तक प्लास्टिक अवेयरनेस के बारे में जानकारी दी जाएगी।

इस बार 7500 माक्र्स
इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण में 7500 माक्र्स निर्धारित किये गये हैं। कचरा प्रोसेसिंग, लिफ्टिंग, सेग्रीगेशन, सफाई, सिंगल यूज प्लास्टिक बैन और सी एंड डी के लिए 3000 माक्र्स निर्धारित हैं। एक बड़ा हिस्सा सिटीजन फीडबैक है कि बाकी माक्र्स सिटी के निरीक्षण के लिए लिए। सिटीजन फीडबैक के लिए एक ऐप लॉन्च किया गया है।