-पहली वेव की तुलना में मरीज को रिकवर होने में लग रहा ज्यादा समय

-ज्यादा दिनों तक बुखार और निमोनिया से जूझ रहे मरीज

देहरादून,

कोरोना की दूसरी लहर का कहर सिर्फ आंकड़ों में ही नहीं मरीजों के उपचार में भी नजर आ रहा है। हालात ये हैं कि पहली वेव में जहां मरीज हफ्ते 10 दिन में रिकवर हो रहे थे, दूसरी वेव में 15 से 20 दिन में रिकवर हो रहे हैं। इतना ही नहीं दूसरी वेव में मरीज को फीवर और निमोनिया की कंप्लेन भी पहले के मुकाबले ज्यादा है। जिससे मरीजों को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने में समय लग रहा है।

मरीज ज्यादा, संसाधन कम

दून में एक दिन में 4 हजार के करीब मरीज संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। जिससे खतरा बढ़ रहा है। मरीज बढ़ रहे हैं तो संसाधन कम हो रहे हैं। इससे परिस्थितियां बेकाबू होती जा रही हैं। इस बार सबसे बड़ी समस्या रिकवरी की है। पहली वेव की तुलना में इस बार मरीज को रिकवर होने में दोगुना टाइम लग रहा है। हालात ये हैं कि जो लोग पहले से ही हॉस्पिटल में एडमिट हैं या जिनका इलाज चल रहा है, उनके ट्रीटमेंट में भी डॉक्टर्स को ज्यादा समय लग रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि पहली वेव में कोरोना मरीज को फीवर 3 से 4 दिन में ही ठीक हो रहा था। लेकिन इस बार कई मरीजों का फीवर 12 से 14 दिन में ठीक हो रहा है। इसके साथ ही इस वेव में निमोनिया कोरोना मरीज को जल्द ही चपेट में ले रहा है जिससे मरीज को रिकवर होने में और ज्यादा वक्त लग रहा है।

सिम्प्टम्स को लेकर रहें अवेयर

कुछ मेडिकल एक्सपर्ट कोविड के लक्षण दिखने पर तुरंत प्रिकॉशन लेने की राय दे रहे हैं। जिससे ऑक्सीजन की जरूरत न पड़े। इससे मरीज घर पर ही इलाज कर सकते हैं। हालांकि रिकवर होने में टाइम लगेगा लेकिन मरीज की मनोस्थिति घर पर हॉस्पिटल की तुलना में बेहतर रहेगी।

सेकेंड वेव में मरीज के रिकवर होने का टाइम बढ़ गया है। साथ ही फीवर ज्यादा दिनों तक आना और निमोनिया की ज्यादा शिकायत आ रही है। इससे मरीज के ट्रीटमेंट में समय लग रहा है।

-डॉ। अनुज बग्गा, असिस्टेंट प्रोफेसर, मेडिसन डिपार्टमेंट, दून हॉस्पिटल

लक्षण दिखने पर लोग शुरुआत में प्रिकॉशन्स नहीं ले रहे हैं। इससे आगे के ट्रीटमेंट पर भी फर्क पड़ रहा है। इसके साथ ही लोगों में दवाइयां, बेड और ऑक्सीजन को लेकर डर बढ़ गया है। रुटीन फॉलो न कर पाने से भी परेशानी हो रही है।

डॉ। शोभित गर्ग, एसो। प्रोफेसर, मनोरोग विभाग, महंत इंदिरेश अस्पताल