-तेल से लेकर दालों और चावल के रेट में आ रही तेजी
-शॉर्टेज ऑफ सप्लाई के चलते महंगे हो रहे किचन प्रोडक्ट
-कर्फ्यू के चलते दुकानों में भी सप्लाई हो रही प्रभावित
देहरादून,
कोरोनाकाल में कोविड कर्फ्यू से जहां रोजगार प्रभावित हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ किराने का भाव भी पब्लिक की जेब पर भारी पड़ रहा है। किचन के जरूरी आइटम तेल, दालें और चावल के थोक रेट में 10 परसेंट तक बढ़ोत्तरी हो गई है। जिसका फायदा गली मोहल्ले के दुकानदार उठाकर माल ऊंचे दामों में बेच रहे हैं। कर्फ्यू के दौरान दुकानें कई दिन बाद भी निश्चित समय के लिए ही खुल रही हैं, इससे लोगों को समय पर सामान भी नहीं मिल रहा है। जबकि बड़े व्यापारी किराना आइटम का पूरा स्टॉक बता रहे हैं। किराना व्यापारी इस समस्या के लिए बाजार का कम खुलना ही कारण बता रहे हैं।
तेल बिगाड़ रहा खेल
घरों में कैद लोगों के किचन का बजट कुकिंग ऑयल ने बिगाड़ रखा है। सरसों का तेल और रिफाइंड प्रति लीटर 170 रुपये तक बिक रहा है। जो कि मार्च, अप्रैल की तुलना में लगातार बढ़ रहा है। व्यापारियों का कहना है कि इंटरनेशनल मार्केट से ही तेल का रेट बदलता जा रहा है। इससे दुकानों तक पहुंचते ही रेट बढ़ना तय है। सभी के घरों में कुकिंग ऑयल यूज होता है। ऐसे में किचन का बजट कुकिंग ऑयल के रेट बढ़ने से बिगड़ रहा है। जो लोग रोज कमा कर खाने वाले हेैं, उनके लिए कुकिंग ऑयल के रेट बढ़ना सबसे बड़ी समस्या है। तेल के साथ ही दालों के रेट में भी 10 परसेंट तक बढ़ोत्तरी हुई है। हर घर में अरहर और मूंग की दालें खरीदी जाती है। अरहर 110 जबकि मूंग 135 रुपये प्रति किलो तक बिक रही है।
पैनिक न हों, स्टॉक की नहीं कमी
कर्फ्यू के दौरान किचन के आइटम के रेट बढ़ने से आम आदमी की परेशानी बढ़ने लगी है। लेकिन आढ़ती और किराना व्यापारी पब्लिक से ऐसी स्थिति में पेनिक न होने की अपील कर रहे हैं। सुविधा सुपर स्टोर के सुरेश कुमार गुप्ता का कहना है कि माल की कहीं कोई कमी नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि जो व्यवस्था प्रशासन ने बाजार को खोलने को लेकर की है, उससे लोग पैनिक हो रहे हैं। 3 से 4 दिन में एक बार दुकान खुलेगी तो लोग अफरातफरी मचाएंगे। ऐसे में किराना स्टोर को प्रति दिन खोलने की जरूरत है। हनुमान चौक के व्यापारी अनुराग गुप्ता भी कहते हैं कि जिस तरह से बाजार कुछ घंटों के लिए खुल रहा है और बाजार तक लोगों को पैदल आने दिया जा रहा है। उससे ग्राहकों को परेशानी हो रही है, प्रशासन को इसके लिए सही व्यवस्था बनानी चाहिए। उन्होंने भी इस बात पर जोर दिया कि बाजार में राशन और जरूरी आइटम की कोई कमी नहीं है।
अंडा, पान, गुटखा सब महंगे
बाजारों की टाइमिंग फिक्स करने के बाद से गली मोहल्ले की दुकानों में अंडा और पान गुटखों में 2 से 3 रुपये सीधे-सीधे वृद्धि की गई है। अंडा 5 से 7 रुपये और पान गुटखे भी 2-3 रुपये बढ़ाकर ऊंचे दामों में बेचे जा रहे हैं। दुकानदारों का तर्क है कि माल की सप्लाई प्रॉपर नहीं है। जब भी बाजारों में इस तरह का असर दिखाई देता है तो सबसे पहले अंडे और पान, गुटखे के रेट बढ़ा दिए जाते हैं। क्योंकि लोग बिना शिकायत के इनके दाम चुकाने को तैयार रहते हैं। बाजारों में सबसे ज्यादा इन्हीं की डिमांड भी रहती है।
एक नजर थोक बाजार रेट लिस्ट पर
सरसों का तेल- 165-170, प्रति लीटर
रिफाइंड- 160-165 प्रति लीटर
अरहर- 110 प्रति किलो
मू्ग- 135 प्रति किलो
राजमा चकराता- 180
जीरा-260
चावल परमल- 30 से 36 रुपये प्रति किलो
(नोट- हर सामान में 8 से 10 परसेंट तक रेट बढ़े हैं.)
तेल, दालें और चावल के रेट में 10 परसेंट तक बढ़ोत्तरी आई है। हालांकि स्टॉक की कोई कमी नहीं है। माल की पूरी सप्लाई हो रही है। बाजार को खोलने को लेकर नियमों में बदलाव होना चाहिए।
सुरेश कुमार गुप्ता, सुविधा सुपर मार्केट
किराने के कुछ आइटम के रेट बढ़े हैं। बाजार कम खुलने से भी परेशानी हो रही है। पब्लिक को दुकानों तक पहुंचने में परेशानी हो रही है। राशन की दुकानें रोज खुलनी चाहिए।
अनुराग अग्रवाल, व्यापारी, हनुमान चौक
कई दिनों से घर में कैद हैं। एक तो काम-धंधा बंद है, ऊपर से महंगाई। ऐसे में घर चलाना मुश्किल हो रहा है। किचन के जरूरी आइटम तक महंगे हो गए हैं।
रोहित कुमार, ग्राहक
राशन को लेकर बहुत परेशानी हो रही है। पहले तो बाजार खुल नहीं रहे हैं, खुल रहे हैं तो रेट बढ़ गए हैं। दोनों तरह से आम आदमी ही परेशान हो रहा है।
राहुल सोनकर, ग्राहक