देहरादून ब्यूरो। बताया जाता है कि पीएसीएल इनकम टैक्स बचाने के लिए अपने कर्मचारियों के खास लोगों के नाम जमीन खरीदती थी और रजिस्ट्री अपने पास रखती थी। सहसपुर क्षेत्र में आरोपी के रिश्तेदारों और अन्य लोगों के नाम पर जमीन खरीदी गई। राजेन्द्र पुरोहित के अनुसार उत्तराखंड में पीएसीएल की करीब 1000 करोड़ की जमीन है, जो करीब 37 बीघा है। जबकि उत्तराखंड में देनदारी 580 करोड़ है। सेबी ने जब 2014 में कंपनी पर रोक लगाई तो आरोपी जैद अंसारी ने फर्जी कागजात बनाकर पीएसीएल की जमीन बेचनी शुरू कर दी। बताया जाता है वह अब तक 81 बीघा जमीन बेच चुका है। इस मामले में आरोपी जैद अंसारी और अन्य लोगों के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाया गया।

ऐसे सामने आई गड़बड़ी
बताया जाता है कि पुलिस के पास इस बात के कोई सबूत नहीं थे कि जो जमीन जैद अंसारी बेच रहा है, वह पीएसीएल की है। आखिरकार बैंक खाते खंगाले गये तो पता चला कि पीएसीएल ने रकम मिक्की अफजाल के नाम ट्रांसफर की थी और मिक्मी अफजाल ने अपने दामाद और आरोपी जैद अंसारी को पैसा टं्रासफर किया था।

सुधा देवली की शिकायत पर गिरफ्तार
हालांकि जैद और अन्य लोगों को लेकर पहले से मुकदमें दर्ज हैं और जैद ने अपनी गिरफ्तारी रोकने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है, लेकिन पुलिस ने उसे पिछले 9 मार्च को दर्ज करवाये गये मुकदमें के सिलसिले में गिरफ्तार किया है। यह मुकदमा कारबारी ग्रांट निवासी सुधा देवली ने दर्ज करवाया था। तहरीर में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद पीएसीएल की जमीन को जाली दस्तावेजों के आधार पर बेचा जा रहा है। पुलिस ने मामले की जांच की तो कई सबूत पुलिस के हाथ लगे, जिनके आधार पर जैद अंसारी पुत्र पुत्र मोहम्मद रफी अंसारी को मसूरी डायवर्जन के पास से गिरफ्तार कर लिया गया।

पीएसीएल कुछ तथ्य
5 करोड़ इनवेस्टर्स की अरबों रुपये फंसे हैं पीएसीएल में।
78 करोड़ रुपये के एसेट्स पीएसीएल के नाम होने की संभावना।
1000 करोड़ के एसेट्स उत्तराखंड में कंपनी के नाम होने की संभावना।
580 करोड़ रुपये है उत्तराखंड में कंपनी की देनदारी।
40 करोड़ रुपये की कंपनी की संपत्ति दून में खुर्द-बुर्द किये जाने का आरोप।
2014 में वित्तीय अनियमितता के कारण कंपनी की गतिविधियों पर सेबी ने लगाई ज्ञ्ािी रोक।
2016 में सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी की गतिविधियों और एसेट्स की खरीद-फरोख्त पर लगाई भी रोक।