देहरादून (ब्यूरो) लोगों को उम्मीद थी की इस वर्ष टोल के रेट नहीं बढ़ेंगे, दो महीने की राहत के बाद एक जून को लोकसभा चुनाव के लिए अंतिम चरण के मतदान के समाप्त होते ही टोल प्लाजा में दरें बढ़ा दी गई, जिसके बाद 2 जून की नाइट से ही सभी टोल प्लाजा पर बढ़े हुए रेटलेना शुरू कर दिया गया है। लच्छीवाला में टोल प्लाजा की स्थापना के बाद अब तक चार बार रेट रिवाइज हो चुके हैं। 2021 में आम पब्लिक को 85 रुपए टोल पड़ता था, जो अब एक तरफ का 105 रुपए हो गया है। इसी तरह व्यावसायिक वाहनों का किराया बढऩे के बाद बस-टैक्सियों के रेट बढ़ जाएंगे, इसकी मार भी पब्लिक पर ही पड़ेगी।

बस टैक्सी का भी बढ़ेगा किराया
दून-हरिद्वार और ऋषिकेश हाईवे से गुजरने वाले वाहन चालकों को लच्छीवाला टोल पर फिर ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ेगा। एनएचएआई ने टोल प्लाजा पर 10 परसेंट तक टोल टैक्स में वृद्धि कर दी है। बढ़ी हुई दरें लागू होने बाद बस और टैक्सी का किराया भी बढ़ जाएगा। इससे आम पब्लिक की जेब पर मार पड़ेगी।

मंथली पास के भी बढ़े रेट
लच्छीवाला टोल प्लाजा के 20 किमी। दायरे में रहने वाले लोगों के निजी वाहनों के लिए मंथली पास की सुविधा है। 2021 में मंथली पास 275 रुपये में बनता था, जो 2022 में 40 रुपये बढ़कर 315 रुपये हो गया था और 2023 में रेट 330 कर दिए गए थे। अब 2024 में इस बार मंथली पास की दर 10 रुपये बढ़ाकर 340 रुपये कर दी गई है।


टोल बढ़ोत्तरी पर खास नजर
- एनएचएआई की घोषणा के बाद नए रेट 1 जून से हो गए लागू
- चुनाव आचार संहिता के चलते नहीं बढ़ाई गई थी अप्रैल में दरें
- 10 परसेंट तक बढ़ाए गए रेट, अब तक चार बार बढ़ गए रेट
- टोल प्लाजा पर हर साल 1 अप्रैल से लागू होते हैं नए रेट
- स्थानीय लोगों में आक्रोश, हर साल रेट बढ़ाने का किया विरोध
- टोल बढऩे बस-टैक्सी के भी बढ़ेंगे रेट, आम पब्लिक पर पड़ेगा असर

आम पब्लिक में आक्रोश
टोल प्लाजा के रेट बढऩे पर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि लच्छीवाला टोल प्लाजा शहर के अंदर है। इसका खामियाजा हमेशा स्थानीय जनता को भुगतना पड़ेगा। देवभूमि महासभा के अध्यक्ष प्रमोद कपरुवाण शास्त्री ने कहा कि डोईवाला विधानसभा क्षेत्र के लोगों को काफी संघर्ष के बाद फ्री पास की सुविधा दी गई थी। इसके अलावा 20 किमी। दायरे में रहने वाले लोगों के लिए मंथली पास की सुविधा दी गई थी, लेकिन लगातार रेट बढऩे से लोगों की जेब ढीली हो रही है। यह न्याय संगत नहीं है। सरकार से अनुरोध है कि जनहित में रेट न बढ़ाए जाएं। सोशल एक्टिविस्ट अनुराग उनियाल ने कहा कि हर साल टोल बढ़ाना उचित नहीं है। टोल बढऩे पर पैसेंजर वाहनों का किराया भी बढ़ जाता है, जिसका सीधा असर आम पब्लिक पर पड़ता है।

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