- साइबर क्राइम कंट्रोल को होम मिनिस्ट्री ने विकसित किया है साइबर सेफ पोर्टल

- पूरे देश में उत्तराखंड चौथे नंबर पर, अब तक 4700 से ज्यादा कंप्लेन दर्ज

देहरादून,

साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने में उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ लगातार बेस्ट रिपोर्टिग और कॉर्डिनेशन करने में जुटी है। देशभर में साइबर सेफ पोर्टल पर कंप्लेन अपलोड करने में उत्तराखंड चौथे स्थान पर है। इस लिस्ट में तेलगांना फ‌र्स्ट, यूपी सेकेंड, वेस्ट बंगाल थर्ड और उत्तराखंड फोर्थ पोजिशन पर है।

कॉर्डिनेशन का प्लेटफॉर्म

गृह मंत्रालय की ओर से साइबर सेफ नाम का पोर्टल डेवलप किया गया है। पोर्टल को सभी थाने, साइबर थाने और एसटीएफ एक्सेस करते हैं। फाइनेंसियल फ्रॉड आदि की डिटेल को पुलिस द्वारा पोर्टल पर कंप्लेन रजिस्टर्ड किया जाता है। इसे टिकट रजिस्ट्रेशन कहा जाता है। इसमें डाटा फीड करने के बाद नंबर ब्लॉक करने की प्रक्रिया भी अपनाई जाती है। इसके बाद दूसरे स्टेट की पुलिस टीम से कॉर्डिनेशन कर कार्रवाई की जा सकती है। इसे कॉर्डिनेशन प्लेटफॉर्म कहा जा सकता है। अभी तक उत्तराखंड पुलिस 4700 कंप्लेन इस पोर्टल के लिए भेज चुकी है।

ऐसे होती है प्रक्रिया

पोर्टल पर ठगों का वह नंबर जिससे कॉल की गई है को अपलोड किया जाता है। पोर्टल पर नंबर अपलोड होते ही यह खुद ही ब्लॉक हो जाता है। इसी तरह जिस खाते में रकम पहुंची है, वह खाता भी खुद फ्रीज हो जाएगा। साइबर सेफ पोर्टल के जरिए पुलिस साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने का दावा करता है।

फ्रॉड का नेटवर्क ब्रेक करने में हेल्प

यदि कोई ठग किसी नंबर से एक व्यक्ति को कॉल कर उसे शिकार बनाता है। इसके बाद वह व्यक्ति कुछ देर में ही शिकायत कर देता है तो ठग उस नंबर से फिर किसी और को फोन नहीं कर सकता है। ऐसा जल्दी जल्दी होने से फ र्जी नंबरों पर भी लगाम लग सकेगा। इसी तरह बैंक खाते भी जब लगातार फ्रीज होंगे तो ठगों के नेटवर्क को तोड़ा जा सकता है।

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गृह मंत्रालय की साइबर सेफ पोर्टल पर कंप्लेन रजिस्टर्ड की जाती है। जिससे फाइनेंसियल फ्रॉड की कंप्लेन पर त्वरित कार्रवाई की जा सके। इस पोर्टल के माध्यम से ठगों के नेटवर्क को भी ब्रेक करने में मदद मिलती है। इससे साइबर फ्रॉड पर अंकुश लगेगा।

अजय सिंह, एसएसपी, एसटीएफ