- सांकेतिक रूप से हुआ पुतला दहन, नहीं हुआ मेलों का आयोजन

- बन्नू बिरादरी ने 5 फीट, प्रेमनगर दशहरा कमेटी ने 20 फीट ऊंचा रावण का किया पुतला दहन

देहरादून,

दून में कोरोनाकाल में दशहरा पर्व सादगी के साथ मनाया गया। इस बार सांकेतिक रूप से पुतला दहन किया गया जबकि मेलों का आयोजन नहीं किया गया। बन्नू बिरादरी ने महज पांच फीट का रावण जलाया गया। प्रेमनगर दशहरा कमेटी पंचायती मंदिर प्रांगण में सीमित व्यक्तियों की उपस्थिति में 20 फीट ऊंचा रावण का पुतला दहन किया। बाजारों में दशहरे को लेकर ज्यादा उत्साह नहीं दिखा, लोगों ने गलियों, मोहल्लों में पुतला दहन कर दशहरा मनाया।

नहीं तोड़ी परंपरा

72 साल से चली आ रही बन्नू बिरादरी ने कोरोनाकाल में अपनी परंपरा जारी रखते हुए विजयादशमी के पर्व पर सांकेतिक रूप से रावण दहन किया। बिरादरी ने एक दिन पूर्व ही रावण दहन न करने एलान किया था। दशहरा पर्व की धाíमक आस्था और देहरादून के मुख्य आयोजन से जुड़ी आम जनमानस की भावनाओं को देखते हुए बिरादरी ने आयोजन स्थगित करने का निर्णय वापस लिया और बन्नू स्कूल में पांच फीट ऊंचा रावण पुतला बनाकर दहन किया। बन्नू बिरादरी के अध्यक्ष हरीश विरमानी ने बताया कि सनातन धर्म इंटर कॉलेज (बन्नू) रसकोर्स के ग्राउंड में इस वर्ष 10 व्यक्तियों की उपस्थिति में पूर्ण विधि विधान के साथ अधर्म पर धर्म की जीत के इस पावन पर्व पर शाम साढ़े पांच बजे रावण का पुतला दहन किया गया। वर्ष 1948 से बन्नू बिरादरी हर साल दशहरे के अवसर पर परेड ग्राउंड में विशाल रावण दहन का कार्यक्रम और भव्य समारोह आयोजित करती आ रही है।

राम, हनुमान ने पहना मास्क

प्रेमनगर में दशहरा कमेटी व धर्मशाला समिति की ओर से आयोजित रावण दहन, सीमित व्यक्तियों की मौजूदगी में शांतिपूर्ण संपन्न हुआ। 20 फीट के रावण को जब अग्नि बाण लगा तो रावण और उसका अहंकार दोनों धूं-धूंकर जल उठे। यहां अन्य वर्षों की तुलना में 65 फीट की जगह इस बार 20 फीट के पुतले बनाए गए। रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों पर कोरोना के बचाव का संदेश भी चस्पा किया गया था। इस दौरान आम जनता को शामिल नहीं किया गया, लेकिन मैदान के आसपास रावण दहन देखने को भारी भीड़ उमड़ी। जिस पर पुलिस ने भी भीड़ को खदेड़ा। इस दौरान प्रेमनगर बाजार और मुख्य मार्ग पर जाम की स्थिति भी रही। इस दौरान राम और हनुमान के वेश में मास्क लगाए कलाकार भी आकर्षण का केंद्र रहे।