देहरादून (ब्यूरो) नदी-नालों में केवल रेत-बजरी और बोल्डर-पत्थर ही नहीं हैैं, बल्कि बड़ी मात्रा में पॉलीथिन व अन्य तरह का कचरा भी बड़ी मात्रा में भरा पड़ा है। उप खनिज के साथ ही इस कचरे को भी बरसात से पहले उठाया जाना जरूरी है। जानकारी नदी-नालों की गहराई घटने से कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। रिस्पना, बिंदाल ही नहीं, सौंग, छोटी बिंदाल, सुसवा, नालापानी राव व दुल्हनी नदी में भी रिवर बेड मैटेरियल (आरबीएम) यानि गाद भारी मात्रा में जमा है, जिससे नदी व बड़े नाले करीब 5 फुट तक ऊपर उठ चुके हैं। नदी-नालों की गहराई कम होने से अब यह मुसीबतों का सबब बन रही हैं। सिंचाई विभाग के अनुसंधान एवं नियोजन खंड की ओर से नदी-नालों के कराए गए जीपीएस सर्वे में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। सिंचाई विभाग ने नदी-नालों की सफाई के लिए सर्वे रिपोर्ट नगर निगम को भेज दी है।

लंबे समय से नहीं हुई सफाई
सूत्रों का कहना है कि रिस्पना-बिंदाल में पिछले करीब 20 साल से कचरे की सफाई नहीं हुई है, जिससे ये नदियों में जमा होने से मुसीबतों का सबब बन गया है। पिछले साल भी बरसात में कई इलाके नदियों के पानी से जलमग्न हो गई थी। इस बार हालात और खराब होने की आशंका जताई जा रही है।

3.27 लाख क्यूबिक मीटर मलबा
सर्वे में दून की सबसे बड़ी रिस्पना-बिंदाल व अन्य नदी-नालों में भारी मात्रा में गाद होने का दावा किया गया है। इन इलाकों में नदियों में 3.27 क्यूबिक मीटर रेत, बजरी, पत्थर व अन्य उप खनिज मौजूद हैं, जिसकी वजह से नदी-नालों का लेवल 5 फीट तक ऊपर उठ चुका है। ऐसे में इन इलाकों में बरसात में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है, लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाए गए हैं।।

ये इलाके अति संवेदनशील चिन्हित
-कंडोली
-आर्य नगर
-भगत सिंह कॉलोनी
-राजेश रावत कॉलोनी
- इंदिरा नगर
- टीचर कॉलोनी
- गोविंदगढ़
-रुद्रलोक कॉलोनी
-लक्ष्मण सिंह कॉलोनी
-ज्वाल्पा एन्क्लेव
-देवलोक कॉलोनी
-ईश्वर विहार कॉलोनी

ये इलाके संवेदनशील आईडेंटीफाई
- डीएल रोड
- चंद्रर रोड
- आईटीपार्क
- बालासुंदरी पुल
- चूना भट्टा
- सत्तोघाटी
- बद्रीनाथ कॉलोनी
- इंद्रा कॉलोनी
- विजय कॉलोनी कैंट रोड पुल
- डकोटापुल
-लोहारवाला
- शांति विहार
- रुद्रलोक एन्क्लेव
- सिद्ध विहार
- देवपुरम
- सौंग एन्क्लेव
- गुर्जर बस्ती
- सौड़ा सरोली पुल
- नथुवावाला ढांग
-इंद्रापुरी फार्म
- दुधादेवी ब्रिज
-बंजारावाला
-धोवीघाट पुल

नदी-नालों की सफाई का काम शुरू किया गया है। जिन इलाकों में नदी-नालों से बाढ़ का संभावना है। चिन्हित किए गए इलाकों से जेसीबी से सफाई की जा रही है। बरसात से पहले कार्य पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।
जेपी रतूड़ी, अधिशासी अभियंता, नगर निगम

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