पार्किंग और अतिक्रमण की समस्या से रोज जूझते हैं दूनाइट्स

ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने के दावे हो रहे फेल

DEHRADUN: दून शहर में आउट ऑफ ट्रैफिक किसी चुनौती से कम नही है। राज्य गठन के बाद से लेकर पुलिस व शासन प्रशासन द्वारा शहर की ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने के तमाम प्रयास किए गए, लेकिन फिर भी ट्रैफिक व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। कई बार तो सीएम से लेकर चीफ सेक्रेटरी तक को आदेश देने पड़े, लेकिन इसके बाद भी ट्रैफिक व्यवस्था पुराने ढर्रे पर ही है। इसकी वजह शहर में आए दिन आड़े-तिरछी अवैध पार्किंग और सड़कों पर अतिक्रमण है। जिस पर पुलिस व प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की सख्ती नहीं बरती जा रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शहर के किसी भी कोने में नजर दौड़ाई जाए तो वहां सड़कों, गलियों व सरकारी और गैर सरकारी दफ्तरों के बाहर हर प्रकार के वाहन खड़े नजर आ जाते हैं। कई स्थानों पर तो अवैध पार्किंग संचालित होने की बात सामने आई है। लेकिन जिम्मेदार महकमे एमडीडीए, नगर निगम व पुलिस फिर भी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।

सीएमआई चौक पर बना दी पार्किंग

अवैध पार्किंग या फिर सड़कों के किनारे वाहन खड़े होने की बात हो तो सीएमआई अस्पताल के बाहर लोगों ने पार्किंग बना दिया है। सीएमआई चौक के पास सुभाष रोड की तरफ से एक नहीं कई एंबुलेंस हर रोज खड़ी नजर आती हैं। जबकि यह सबसे व्यस्ततम सड़क मानी जाती है और प्रशासन के मुताबिक इस रोड पर अधिकृततौर पर वाहन नहीं खड़े किए जा सकते हैं।

सड़कों के किनारे चल रहे अवैध पार्किंग यातायात व्यवस्था में सबसे ज्यादा दिक्कत भरे कहे जा सकते हैं। इसके लिए आम लोगों को सहयोग करने के साथ संबंधित विभागों को सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है।

डॉ। एचपी यादव, कारगी चौक।

दून शहर की सड़कें राज्य गठन से पहले की सड़कें हैं। जबकि आबादी से लेकर यातायात का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। जाहिर है सरकार को पार्किंग तैयार करने चाहिए। जिससे सड़कों के किनारे अवैध पार्किंग से निजात मिल सके।

मधु, पटेलनगर।

हरिद्वार रोड: किसी को नहीं परवाह

-शहर के व्यस्ततम रोड में शुमार हरिद्वार रोड पर अवैध पार्किंग यातायात का रोजाना इम्तिहान ले रही है। सुचारू यातायात की जिम्मेदारी जिस महकमे पर है, उसके जिम्मेदार अफसरों का रोजाना इस रोड से होकर जाना होता है, लेकिन कार्रवाई कभी नहीं होती।

-हर शहरी को अवैध पार्किंग पर खुद जागरूक होना चाहिए। हालांकि ये भी सच्चाई है कि तमाम जगहों पर पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। छोटी-छोटी पार्किंग जब तक डेवलप नहीं की जाती, समस्या बनी रहेगी।

-अर्चना बलोदिया।

-दून की सबसे बड़ी समस्या की बात करें, तो वह ट्रैफिक है। इसमें अवैध पार्किंग एक बड़ा रोल निभाती है। रस्म अदायगी के लिए अभियान चलाए जाते है, इससे भला नहीं होने वाला।

-संदीप कुमार।

ऊर्जा पार्क के सामने अवैध पार्किंग

अतिक्रमण और अवैध पार्किंग का हाल पटेलनगर इलाके में भी किसी से छुपा नहीं है। स्थिति यह है कि दर्जनों वाहन सड़क के किनारे अवैध तरीके से ही पार्क कर दिए जाते हैं। थाने से चंद दूरी पर ऊर्जा पार्क के सामने इस अवैध पार्किंग पर विभाग चुप्पी साधे हुए है। इस वजह से आए दिन लंबा जाम लगता है।

शहर के हर तरफ अवैध पार्किंग का गढ़ बना हुआ है। पुलिस को इसके लिए कुछ बड़ा एक्शन लेने की जरूरत है।

भूपेंद्र कुमार, नेहरु कॉलोनी

शहर में अतिक्रमण की वजह से काफी परेशानी हो रही है। पूरा शहर जाम से परेशान है।

मनोज रावत, कारगी चौक