-दिलीप कुमार के निधन की खबर पर मसूरी में शोक की लहर

-सायरा बानो का जन्म 1943 में लंढौर कम्युनिटी अस्पताल में हुआ

मसूरी, ट्रेजडी किंग के नाम से बालीवुड में फेमस हिंदी सिनेमा की दिग्गज अभिनेता रहे दिलीप कुमार को उत्तराखंड से भी नाता रहा है। खासकर उनका हिल क्वीन मसूरी से खासा लगाव रहा है। उनके निधन की खबर से मसूरीवासियों में शोक की लहर है। दिलीप कुमार मसूरी पहुंचने के बाद मसूरी के लाइब्रेरी बाजार स्थित होटल सेवाय में ही ठहरा करते थे। जबकि दिलीप कुमार की पत्नी अदाकारा सायरा बानो का जन्म भी वर्ष 1943 में मसूरी के लंढौर कम्युनिटी अस्पताल में हुआ था।

विदेश जाने के बजाय मसूरी व नैनीताल थे पसंद

इतिहासकार गोपाल भारद्वाज बताते हैं कि दिलीप कुमार अत्यंत मिलनसार व्यक्तित्व से धनी थे। वर्ष 1960 में पत्नी सायरा बानो के साथ निजी यात्रा पर मसूरी आए थे और होटल सेवाय में ठहरे थे। सायरा बानों का जन्म मसूरी के लंढौर कम्युनिटी अस्पताल में हुआ था। गोपाल भारद्वाज के अनुसार पचास व साठ के दशक में बॉलीवुड कलाकार विदेश जाने के बजाय मसूरी-नैनीताल घूमना पसंद करते थे। उनका कहना है कि दिलीप कुमार जैसे अभिनय में मंझे हुए दिग्गज अभिनेता का इस दुनियां से चला जाना अपूरणीय क्षति है।

जब दिलीप कुमार ने खिंचवाई थी फोटो

पालिका सभाषद व वरिष्ठ नागरिक मदन मोहन शर्मा बताते हैं कि उनके पिताजी की लाइब्रेरी बाजार में मालरोड़ पर दून स्टूडियो नाम से दुकान थी। दिलीप कुमार जब 1960 में मसूरी के सेवाय होटल में आए थे तो मैं भी अपने पिताजी जो फोटोग्राफी का कार्य करते थे, के साथ फोटो लेने के लिए सेवाय होटल चला गया। पिताजी के आग्रह पर दिलीप कुमार ने स्वयं मुझे अपने पास बुलाकर मेरे साथ फोटो खिंचवाई। ये फोटोग्राफ आज भी मेरे पास सुरक्षित है। उनका कहना है कि आज सिनेमा जगत ने महान कलाकार को खो दिया है।

फोटो-7 एमएसआरपी-1. बालक मदन मोहन शर्मा सेवाय होटल लांज में दिलीप कुमार के साथ में।

.जब दिलीप कुमार ने दून के शेख को भेजी अपनी दो बुक्स

लाखों दिलों पर राज करने वाले दिलीप कुमार भले ही दुनिया को अलविदा कह गए हों, लेकिन उनके व्यक्तित्व, कला और इंसानियत को लोग आज भी मुरीद हैं। दून के होटल कारोबारी शेख अमीर अहमद के एक आग्रह पर अभिनेता दिलीप कुमार ने एक नहीं, दो-दो किताबें उन्हें भे दी। शेख अहमद कहते हैं कि महान अभिनेता की बायोग्राफी पढ़ने की उनकी इच्छा थी। उन्होंने फोन व ई-मेल के जरिए दिलीप कुमार से कुछ किताबें भेजने का आग्रह किया। फिर क्या था दिलीप कुमार ने अपनी दो किताबें उन्हें वाया पोस्ट भेज दी। जिसमें एक दिलीप कुमार 'द लास्ट एंपरर'' व दिलीप कुमार 'एन ऑटोबायोग्राफी' शामिल हैं। शेख अहमद कहते हैं कि उनकी दो बुक्स पढ़कर शख्सियत को मानो करीब से देखा।