- 12 हजार से ज्यादा नर्सिग कैंडिडेट हैं रजिस्टर्ड

देहरादून:

राज्य में नìसग भर्ती का मामला अब उलझता जा रहा है। प्रदेश के सरकारी व निजी अस्पतालों में संविदा पर कार्यरत नर्से अभी तक वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति की मांग करती आई हैं। अब युवा अभ्यíथयों का कहना है कि उत्तराखंड में 12 हजार से अधिक नìसग अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। यदि भर्ती वरिष्ठता के आधार की जाती है तो सभी अभ्यथियों को वरिष्ठता से चयनित होने में 30-40 साल का समय लग जाएगा। उन्होंने भर्ती के लिए लिखित परीक्षा की मांग की है। इस संदर्भ में उन्होंने स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ। तृप्ति बहुगुणा को ज्ञापन भी सौैंपा है।

पहले संविदा वालों को मिले मौका

अभ्यथियों का कहना है कि कुछ संविदा, उपनल, आउटसोर्स स्टाफ नर्स के आंदोलन के चलते नìसग भर्ती परीक्षा अग्रिम आदेश तक स्थगित की गई है। जिससे बेरोजगार व निजी अस्पतालों में अल्प वेतन पर काम कर रहे युवा खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। संविदा कर्मचारी पहले से ही रोजगार पर हैं। ऐसी स्थिति में पहले बेरोजगार अभ्यíथयों को रोजगार देने की पहल होनी चाहिए। इसके अलावा कुछ युवा निजी अस्पतालों में 10-12 हजार रुपये मासिक वेतन पर काम कर रहे हैं। कोरोनाकाल में उन्होंने पूरी ईमानदारी व लगन के साथ काम किया। साथ ही परीक्षा की तैयारी भी वह करते रहे। पर बार-बार परीक्षा स्थगित होने से उनका भी मनोबल टूट रहा है। वहीं, कुछ अभ्यर्थी प्रदेश से बाहर निजी संस्थानों में सेवाएं दे रहे हैं। वह भी यहां लौटना चाहते हैं। ऐसे में जल्द लिखित परीक्षा कराई जाए। क्योंकि वरिष्ठता के आधार पर अभ्यथियों को चयनित होने में कई साल लग जाएंगे। प्रदेश की नìसग नियमावली में भी लिखित परीक्षा का ही प्रविधान है। ज्ञापन देने वालों में पंकज नेगी, गौतम कुमार, शहजाद, विमला, आरती, मुकेश, राहुल आदि शामिल रहे।