- दून में 7 ब्लड बैंक, सभी जगह डिमांड में कमी

- कोरोना के चलते सर्जरी कम, ब्लड की डिमांड भी कम

देहरादून,

कुछ समय पहले तक दून में ब्लड बैंक खाली थे, अब ब्लड बैंक्स में स्टॉक मेंटेन हुआ तो ब्लड की डिमांड ही गिर गई है। ब्लड बैंक में सामान्य दिनों से करीब 50 परसेंट तक ब्लड की डिमांड गिरी है। इसकी वजह कोरोनाकाल के चलते सर्जरी न होना बताया जा रहा है। इसके अलावा एंटीजन टेस्ट न होना भी इसकी वजह बताई जा रही है।

एंटीजन टेस्ट बताई जारी वजह

शायद कोई ऐसा शहर हो, जहां ब्लड की डिमांड के अगेंस्ट पर्याप्त रूप से ब्लड उपलब्ध हो पाता हो। लेकिन आजकल दून में ब्लड की डिमांड में ही गिरावट दर्ज की जा रही है। जानकारों के मुताबिक दून में कई प्राइवेट लैब पर एंटीजन टेस्ट की मनाही कर दी गई है। जिस कारण ब्लड की डिमांड पर असर पड़ा है। दूसरा बड़ा कारण इन दिनों कोरोना के चलते सर्जरी नहीं की जा रही हैं, केवल इमरजेंसी केसेज में ही हॉस्पिटल सर्जरी कर रहे हैं। सर्जरी न होने से भी ब्लड की डिमांड कम है।

डिमांड में 40 से 50 परसेंट गिरावट

आईएमए ब्लड बैंक के लेटेस्ट आंकड़े बताते हैं कि जहां कोरोनाकाल में ब्लड बैंक के पास 30-35 यूनिट रोजाना ब्लड की डिमांड आया करती थी, वह 18-20 यूनिट तक सिमट गई है। आईएमए के ब्लड बैंक प्रभारी डा। संजय उप्रेती का कहना है कि गत कुछ दिनों से अचानक ब्लड की डिमांड में गिरावट आई है। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के सीनियर पीआरओ भूपेंद्र रतूड़ी के मुताबिक वर्तमान में ब्लड डोनर, डिमांड में कुछ कमी देखने को मिली है। हालांकि उन्होंने ये भी स्पष्ट किया है कि दून हॉस्पिटल के कोविड हॉस्पिटल बनने के बाद महंत इन्दिरेश में सर्जरी का लोड बढ़ा है।

फैक्ट फाइल

-दून में मौजूद हैं 7 ब्लड बैंक।

-मैक्स, महंत, दून हॉस्पिटल, एमएच, जौलीग्रांट व आईएमए।

-कोरोनाकाल से पहले एक ब्लड बैंक में होती थी 70-80 यूनिट ब्लड की खपत।

-कोरोना संक्रमणकाल में एक ब्लड बैंक में भी 30-40 यूनिट की खपत।

-लेकिन अब एक ब्लड बैंक में पिछले तीन-चार दिनों से सप्लाई रह गई 18-20 यूनिट तक।

कोरोनाकाल में ब्लड डोनेशन पहले से कम

कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए ब्लड बैंक में ब्लड डोनेशन के लिए सीमित संख्या में ही डोनर पहुंच पा रहे हैं। ब्लड कैंप न आयोजित हो पाने के अलावा कॉलेज, इंस्टीट्यूशंस बंद होने से ब्लड डोनर की संख्या में भी कमी आई है।

गैर सरकारी डॉक्टरों को भी कोरोना वॉरियर घोषित किया जाए

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने गैर सरकारी डॉक्टरों को भी कोरोना वॉरियर घोषित किए जाने की सरकार से मांग की है। आईएमए दून शाखा के अध्यक्ष डा। डीडी चौधरी के मुताबिक प्राइवेट डॉक्टर लगातार पेशेंट्स के लिए कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच मददगार बने हुए हैं। ऐसे में उन्हें भी कोरोना वॉरियर घोषित किया जाए। कुछ दिनों पहले आईएमए ने हेल्थ सेक्रेटरी के सामने ये डिमांड भी रखी।