- 253 टीमों ने 707 घरों का किया चालान
- 14,9967 आबादी तक पहुंची टीमें
- डेंगू से एक मौत के बाद अलर्ट मोड पर डिपार्टमेंट
- गत वर्षो में डेंगू ने मचाई थी आफत
देहरादून,
कोरोना अलर्ट के बीच अब शहर में डेंगू से निपटने की चुनौती भी हेल्थ डिपार्टमेंट के सामने हैं। हालांकि, विभाग ने डेंगू को लेकर वर्कआउट शुरू कर दिया है। आशा वर्कर्स की हेल्प से इलाकावार डेंगू के लार्वा की पड़ताल की जा रही है। नगर निगम की टीम भी अपने स्तर से हेल्थ डिपार्टमेंट के साथ इलाकों में डेंगू की मॉनिटरिंग में जुटी है।
इलाकों में पहुंच चुकी टीमें
मेहूंवाला, नेहरू ग्राम, धर्मपुर, माजरा, रायपुर, सहस्त्रधारा रोड, हकीकत राय नगर, मोहनी रोड, सिंगल मंडी, यमुना कॉलोनी, तपोवन ननूरखेड़ा, कारगी,डीएल रोड, सहसपुर, डोईवाला
नगर निगम की टीम भी जुटी
नगर निगम ने भी डेंगू को लेकर तैयारी पूरी कर ली है। 10 टीम तैयार कर दस वार्ड में जाकर रोजाना निरीक्षण कर रही है। किसी के घर में लार्वा मिल रहा है तो वह संबधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
निगम ऐसे कर रहा पड़ताल
10 टीमें कर रहीं रोजाना 10 वार्ड की पड़ताल।
500 से 5000 रुपए का जुर्माना अगर घर में मिला पानी का जमाव।
हॉस्पिटल को भी दिए गए निर्देश
सभी हॉस्पिटल को भी निर्देशित किए गए है कि किसी भी पेशेंट में अगर डेंगू के लक्षण मिलते हैं तो वह उसकी रैपिड जांच करें। डेंगू जांच के लिए सरकारी हॉस्पिटल में न भेजे जाएं।
वर्ष वार दून में डेंगू के मामले
साल मामले मौत
2010- 2889 04
2011- 454 03
2012 - 439 02
2013- 2412 - 19
2014 849 03
2015- 829 00
2016 1434 03
2017 366 00
2018 314 00
2019 4991 06
हेल्थ डिपार्टमेंट का वर्कआउट
- 186 आशा वर्कर्स की टीम कर रही घर-घर पड़ताल।
- 46620 की आबादी तक 3 दिन में की गई पड़ताल।
- 11, 466 घरों को किया जा चुका है चेक।
- 63 घरों में पाया गया डेंगू मच्छर का लार्वा।
- 51399 कंटेनर किए गए चेक।
- 378 कंटेनर में मिला डेंगू का लार्वा
कैसे और कब होता है डेंगू
डेंगू फीमेल एडीज मच्छर के काटने से होता है। इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं। ये मच्छर दिन में, खासकर सुबह काटते हैं। डेंगू बरसात के मौसम और उसके फौरन बाद जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है क्योंकि इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं।
कैसे फैलता है
डेंगू बुखार से पीडि़त मरीज के खून में डेंगू वायरस बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है तो वह उस मरीज का खून चूसता है। खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर में चला जाता है। जब डेंगू वायरस वाला वह मच्छर किसी और इंसान को काटता है तो उससे वह वायरस उस इंसान के शरीर में पहुंच जाता है, जिससे वह डेंगू वायरस से पीडि़त हो जाता है।
यह है लक्षण
-ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार
-सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना
-आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, जो आंखों को दबाने या हिलाने से और बढ़ जाता है।
-बहुत ज्यादा कमजोरी लगना, भूख न लगना और जी मिचलाना और मुंह का स्वाद खराब होना।
-गले में हल्का-सा दर्द होना
-शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज होना
तीन दिन में 253 टीमों ने 707 घरों का चालान
टीम आबादी कंटेनर कंटेनर लार्वा
186 46620 51399 378
206 50000 45634 424
253 53347 35550 435
645 149967 132483 1237
घरों की जांच चालान
11466 63
12000 477
16371 167
3,9837 707
दून में सभी वार्ड में लगातार जांच की जा रही है। इस दौरान हमारी टीम को कहीं भी लार्वा मिला तो इस पर लोगों को अवेयर किया जा रहा है। पैंफ्लेट दिए जा रहे है।
- डॉ सुभाष जोशी, जिला मलेरिया अधिकारी देहरादून।