- साल दर साल बढ़ रही डेंगू मरीजों की संख्या

-स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर अब तक शुरू नहीं हुआ अमल

DEHRADUN : जु़लाई का महीना शुरू हो चुका है और मानसून से पहले ही ही अच्छी बारिश हो चुकी है। मानसून आने के बाद बारिश में और तेजी आने की संभावना है। अच्छी बारिश से यूं तो कई फायदे हैं, लेकिन इससे मच्छरों की प्रजनन को भी अच्छा माहौल मिलता है। जिससे मलेरिया और डेंगू (टाइगरर) जैसी बीमारियों के फैलने की संभावनाएं बढ़ जाती है। हर साल बरसात शुरू होने के साथ ही मलेरिया और डेंगू के मरीज अस्पतालों में पहुंचने लगते हैं और बरसात के आखिरी दौर तक मरीजों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हो जाती है। आमतौर पर बरसात शुरू होने से पहले ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों को कंट्रोल करने के उपाय शुरू कर दिये जाते हैं। इस बार भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी संबंधित विभागों को डेंगू जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाने और लोगों को जागरूक करने के निर्देश दे दिये गये हैं, लेकिन फिलहाल धरातल पर कोई काम शुरू नहीं हो पाया है।

हर साल बढ़ रहे डेंगू के मरीज

पिछले दो सालों में दून में डेंगू के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी होती रही है और कुछ मरीजों की मौत की भी पुष्टि हुई है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने एहतियात के तौर पर जिला प्रशासन और नगर निगम को जरूरी कदम उठाने के लिए कहा है, लेकिन इस दिशा में अभी कोई काम शुरू नहीं हो पाया है।

कब कितने डेंगू मरीज

ख्0क्भ् में डेंगू के क्म्भ्0 मरीज विभिन्न सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती हुए थे, इनमें से क् की मौत हो गई थी। ख्0क्म् में मरीजों की संख्या ख्0ब्म् हो गई और इनमें से ब् की मौत भी हुई। इसके अलावा ख्0क्म् में क्0 लोगों में चिकनगुनिया होने की भी पुष्टि हुई। इस साल मानसून के पहले अच्छी बारिश होने और अच्छा मानसून रहने की उम्मीद है, ऐसे में मच्छर बढ़ने और मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया जैसी बीमारियां पिछले साल से अधिक फैलने की आशंका जताई गई है।

आईईसी प्रोग्राम फाइलों में

डेंगू जैसी मच्छरजनित बीमारियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य निदेशालय की ओर से अपने विभाग के अधिकारियों के साथ ही जिला प्रशासन को आईईसी यानी इंफॉर्मेशन एजुकेशन और कम्युनिकेशन प्रोग्राम चलाने के लिए कहा गया है। यह प्रोग्राम मुख्य रूप से लोगों को मच्छरों को पनपने न देने और बचाव करने को लेकर जागरूक करने के लिए है, लेकिन जुलाई का महीना शुरू होने के बावजूद इस दिशा में अभी कुछ नहीं हो पाया है।

डीएम और सीएमओ के मिले हैं निर्देश

स्वास्थ्य विभाग में पिछले दिनों डेंगू को लेकर बुलाई गई एक बैठक में दून सहित सभी जिलों के डीएम, सीएमओ और नगर स्वास्थ्य अधिकारी को डेंगू को लेकर लोगों को जागरूक करने और स्थिति पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिये हैं। ये निर्देश मुख्य रूप से देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिलों के लिए दिये गये हैं।

नोटिफाइबल डिजीज है डेंगू

राज्य सरकार की ओर से डेंगू को नोटिफाइबल डिजीज घोषित किया गया है। यदि किसी प्राइवेट अस्पताल में भी किसी मरीज को डेंगू की पुष्टि होती है तो अस्पताल को तुरन्त सीएमओ को सूचना देनी होगी, ऐसा न करने पर अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

दून के दो अस्पतालों में एलाइजा टेस्ट

डेंगू की जांच के लिए दून के दो अस्पतालों दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल और कोरोनेशन अस्पताल में एलाइजा टेस्ट की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा नैनीताल, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर के जिला अस्पतालों में भी एलाइजा टेस्ट किट उपलब्ध करवा दी गई है।

डेंगू की रोकथाम के लिए जून के आखिरी हफ्ते में ही सभी डीएम को निर्देश दे दिये गये हैं। लोगों को घरों के आसपास सफाई व्यवस्था रखनी चाहिए और अभी से बच्चों को पूरी बांह के कपड़े पहनाने चाहिए। डीएम जल्द ही स्कूलों के लिए यह आदेश जारी करेंगे। बुखार होने पर केवल पैरासीटामोल टेबलेट खानी चाहिए। 99 प्रतिशत मामलों में बुखार ब्-भ् दिन में खुद ठीक हो जाता है।

-डॉ। एलएम उप्रेती, निदेशक, स्वास्थ्य चिकित्सा एवं परिवार कल्याण