देहरादून (ब्यूरो)। डीएम डॉ। आर राजेश कुमार की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट में डिजास्टर मैनेजमेंट के संबंध में बैठक हुई। डीएम ने किसी भी डिजास्टर के दौरान सूचना जल्द से जल्द पहुंचाने का पुख्ता इंतजाम करने को कहा। उन्होंने कहा कि कामों में लापरवाही बरतने वालों के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

विभाग निशाने पर
उत्तराखंड आपदाओं का राज्य है। इसे देखते हुए डिजास्टर मैनेजमेंट और मिटिगेशन के लिए तीन स्तर पर तैयारियां की जाती हैं। आपदा से पहले, आपदा आने पर और आपदा के बाद। इस कार्यों में विभिन्न विभागों के को-ऑर्डिनेशन के साथ काम किया जाता है। मुख्य रूप से जो विभाग डिजास्टर मैनेजमेंट में शामिल होते हैं, उनमें पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, राजस्व, पीडब्ल्यूडी, बिजली, स्वास्थ्य, खाद्य एवं आपूर्ति, जल संस्थान आदि विभाग शामिल होते हैं। मंडे की बैठक में इन विभागों को अपना वर्क प्लान शेयर करने के लिए कहा गया था। हालांकि अब डीएम ने सैटरडे तक का वक्त देते हुए सभी विभागों से हर हाल में वर्क प्लान तैयार करने के लिए कहा है। डीएम ने सैटरडे तक हर हाल में वर्क प्लान तैयार करने की ताकीद के साथ ही चेतावनी दी कि वर्क प्लान प्रस्तुत न करने वाले विभागों पर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।

बिजली-पानी वाले नहीं आये
किसी भी डिजास्टर में अन्य तमाम सुविधाओं के साथ ही बिजली और पानी की लाइन भी क्षतिग्रस्त होती हैं। इससे आपदाग्रस्त क्षेत्रों में दिक्कतें ज्यादा बढ़ जाती हैं। राहत और बचाव कार्य प्रभावित होते हैं और प्रभावितों की दिक्कतें बढ़ जाती हैं। ऐसे में जलापूर्ति और बिजली विभाग की डिजास्टर मैनेजमेंट में महत्वपूर्ण भूमिका होती है, लेकिन मंडे की बैठक में इन दोनों विभागों के अधिकारी नहीं आये। इस पर डीएम ने नाराजगी जताते हुए दोनों विभागों को स्पष्टीकरण देने को कहा।

इसेंशियल सपोर्ट सिस्टम
डीएम ने इसेंशियल सपोर्ट सिस्टम पर एक हफ्ते में जरूरी सेवा वाले विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों का डाटा अपलोड करने और संबंधित कर्मचारियों को ट्रेनिंग देने के निर्देश दिये। उन्होंने सूचनाओं के आदान-प्रदान की व्यवस्था को बेहतर बनाने और तहसील स्तर पर बनाये गये कन्ट्रोल रूम में हर समय रोस्टरवार कार्मिक तैनात करने के निर्देश दिए।
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