- 3 से 5 हजार की क्षमता के बनाए जाएंगे डिजास्टर शेल्टर

- एनडीएमए की ओर से भेजी गई शासन को लैंड की डिमांड

- आपदा मित्र के लिए हरिद्वार व यूएसनगर डिस्ट्रिक्ट का सिलेक्शन

देहरादून,

नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) स्टेट के हर डिस्ट्रिक्ट में आपदा प्रभावितों के लिए डिजास्टर शेल्टर बनाएगी। इसके लिए स्टेट गवर्नमेंट से लैंड की डिमांड की गई है। बताया गया है कि हर डिस्ट्रिक्ट में 3 से 5 हजार तक प्रभावितों को शरण देने के लिए ये शेल्टर्स बनाए जाएंगे। आपदा प्रभावित इलाकों के लोगों को इन शेल्टर में सुरक्षित शरण दी जाएगी।

एनडीएमए में फॉरेस्ट फायर भी हो शामिल

ट्यूजडे को एनडीएमए के एक डेलिगेशन ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की। जिसमें एनडीएमए के मेंबर राजेंद्र सिंह, ज्वाइंट सेक्रेटरी रमेश कुमार व ज्वाइंट एडवाइजर नवल प्रकाश आदि मौजूद रहे। इस दौरान सीएम ने कहा कि आपदा प्रभावितों के लिए बनने वाले शेल्टर प्रभावितों को राहत पहुंचाने में मददगार साबित होंगे। इसके लिए स्टेट गर्वनमेंट पूरी तह सहायता करने को तैयार है। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड जैसे हिल एरियाज में फॉरेस्ट फायर व लैंड स्लाइड जैसी प्राकृतिक आपदाओं से अधिक नुकसान होता है। इसके लिए नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट के तहत बनाई जाने वाली योजनाओं में फॉरेस्ट फायर जैसी प्राकृतिक आपदाओं को भी शामिल किया जाना चाहिए। सीएम ने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में राहत कार्य पहुंचाना भी एक चुनौती है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से युवा मंगल दलों, महिला मंगल दलों को आपदा की परिस्थिति में राहत व बचाव कार्य के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। जिसमें घायलों को फ‌र्स्ट एड देने जैसे ट्रेनिंग भी शामिल हैं। उन्होंने डेलीगेशन से एनडीएमए द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्त्रम 'आपदा मित्र' की ट्रेनिंग में ट्रॉमा ट्रेनिंग (फ‌र्स्ट एड) को शामिल करने पर जोर दिया।

दो जिलों में आपदा मित्रों को ट्रेनिंग

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि आपदा प्रबंधन के लिए बनायी गयी योजनाओं व दिशानिर्देशों में मैदानी क्षेत्रों के अनुसार योजनाएं बनायी जाती रही हैं। लेकिन हिल एरियाज में प्राकृतिक आपदाओं का स्वरूप व प्रभाव मैदानी क्षेत्रों से अलग है। इसलिए योजनाओं व दिशानिर्देशों को बनाते समय पर्वतीय क्षेत्रों के अनुरूप योजनाएं भी शामिल हों। कहा, एनडीएमए में मेंबर राजेंद्र सिंह ने कहा कि पीएम के दिशानिर्देशों के अनुपालन में देशभर में 'आपदा मित्र' योजना शुरू की गयी है। इस योजना के तहत आपदा मित्रों को 12 से 15 दिन का बचाव व राहत कार्य की ट्रेनिंग दी जा रही है। योजना के तहत देश के 720 जनपदों में से 350 जिलों में करीब एक लाख आपदा मित्र तैयार करने की योजना है। इसके लिए उत्तराखंड के दो जनपद हरिद्वार व उधमसिंहनगर शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2024 तक देश को आपदा प्रबन्धन के क्षेत्र में नम्बर वन बनाने का लक्ष्य दिया है।