- उत्तरांचल महिला एसोसिएशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मी टू अभियान पर हुई चर्चा

- एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने दी महिलाओं को यौन शोषण से संबंधित कानूनों की जानकारी

देहरादून : उत्तरांचल महिला एसोसिएशन की ओर से महिलाओं के लिए 'कितना कारगर है मी टू अभियान' विषय पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) अशोक कुमार ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की और महिलाओं को यौन शोषण से संबंधित कानून की जानकारी दी।

यौन उत्पीड़न कानून की दी जानकारी

सुभाष रोड स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम 'कितना कारगर है मी टू अभियान' में एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) अशोक कुमार ने महिलाओं को यौन शोषण संबंधित कानूनों के बारे में विस्तार से बताया। उमा संस्था की अध्यक्ष साधना शर्मा ने कहा कि वर्तमान में महिलाएं यौन शोषण के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रही हैं। जानकारी देते हुए बताया कि सोशल मीडिया को माध्यम बनाकर यौन शोषण के खिलाफ पहले मी टू नाम से अमेरिका की एक महिला ने अभियान शुरू किया जो अब पूरे भारत में जोर पकड़ रहा है। इस अभियान के जरिये कई सफेदपोश चेहरे सामने आए, जिन्हें लोग बहुत ही सम्मान की दृष्टि से देखते थे। मनोवैज्ञानिक बीना कृष्णन ने कहा कि इस अभियान का दुरुपयोग न हो, इस बात का भी ख्याल रखा जाना चाहिए। इस दौरान दिल्ली की गैंग रेप पीडि़ता निर्भया जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गई थी को श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही पोस्टर प्रतियोगिता और भारतीय दुल्हन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।

एडीजी के सामने फूटा महिला का गुस्सा

40 वर्षीय एक महिला ने कार्यक्रम के दौरान पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने अपने साथ हुए यौन शोषण के मामले में चार महीने बाद भी केस दर्ज न होने की बात बताई। महिला ने बताया कि वह आईटी पार्क स्थित एक निजी कंपनी में बतौर इंजीनियर साढ़े तीन साल से कार्य कर रही थीं। उनके सीनियर उन पर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाते थे। देर शाम तक काम खत्म होने के बाद भी उन्हें ऑफिस में रोका जाता था। जब उन्होंने पुलिस से शिकायत की तो सुनवाई ही नहीं हुई। इसके बाद कंपनी ने उनका ट्रांसफर बंगलुरू कर दिया।