-फोर्टिस से एग्रीमेंट खत्म, बढ़ी पेशेंट की परेशानी

-हॉस्पिटल में भटकते रहे जरूरतमंद हार्ट पेशेंट

देहरादून : कोरोनेशन हॉस्पिटल व फोर्टिस हॉस्पिटल के बीच करार खत्म होने से यहां सैकड़ों पेशेंट की जान अटक गई है। सोमवार से ही यहां पेशेंट्स को भर्ती नहीं किया। ऐसे में यहां पहुंचने वाले सीरियस पेशेंट्स की जांच नहीं हो सकी। वह परेशान होकर इधर-उधर भटकते रहे। आलम यह रहा कि इमरजेंसी से पेशेंट को सेंकेंड फ्लोर पर लेकर पहुंचे वहां डॉक्टर ने एडमिट करने से मना कर दिया। परेशान पेशेंट्स के परिजन व्यवस्था को कोसते नजर आए।

यह था एग्रीमेंट

8 मार्च 2011 को हार्ट और अन्य गंभीर बीमारियों के पेशेंट को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए फोर्टिस और कोरोनेशन हॉस्पिटल के 10 साल का करार हुआ था। 7 मार्च 2021 को इनका करार खत्म हो गया। लेकिन एक दिन पहले ही 6 मार्च को ही इन्हें नोटिस मिला व बिल्डिंग को खाली करने के साथ किसी भी नए पेशेंट को भर्ती न करने की भी सलाह दी।

बीपीएल कार्डधारकों के लिए थी सुविधा

कोरोनेशन हॉस्पिटल में बीपीएल कार्ड धारको के लिए फ्री में सुविधा शुरू की गई थी। जिससे बीपीएल कार्डधारकों को यहां गंभीर बीमारी और हार्ट से संबंधी बीमारी का इलाज मिल सके।

यह हुई थी समस्या

फोर्टिस हॉस्पिटल प्रबंधन को बार-बार गोल्डन कार्डधारकों को इलाज की सुविधा देने के लिए कहा जा रहा था। लेकिन हर बार हॉस्पिटल प्रबंधन टाल-मटोल कर रहा था। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की ओर से एग्रीमेंट आगे नहीं बढ़ाया गया। एग्रीमेंट कैंसिल होते ही हॉस्पिटल प्रबंधन ने गोल्डन कार्ड से ट्रीटमेंट शुरू करने का दावा किया है।

दून मेडिकल कॉलेज में शुरू होगी कार्डियक यूनिट

हॉस्पिटल प्रबंधन के अनुसार दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में कार्डियक यूनिट को शुरू किया जा रहा है। हालांकि यहां अभी कार्डियक यूनिट शुरू होने के लिए 20-25 दिन से ज्यादा का समय लगेगा। तब तक यहां पहुंचने वाले पेशेंट को दिक्कत झेलनी पडे़गी।

लापरवाही :-

तड़पती रही महिला नहीं करा भर्ती

सोमवार को अजबपुर निवासी 58 वर्षीय महिला को दोपहर 2 बजे उनका परिवार कोरोनेशन हॉस्पिटल के फ‌र्स्ट फ्लोर पर बरी इमरजेंसी में लाया। इसके बाद इन्हें सेकेंड फ्लोर में स्ट्रेचर से लेकर पहुंचे। लेकिन यहां फोर्टिस हॉस्पिटल प्रबंधक ने भर्ती करने से मना कर दिया। साथ ही तुरंत उन्हें दूसरे हॉस्पिटल भेजने को कहा। इस पर परिजनों ने हंगामा कर दिया। उन्होंने पेशेंट के साथ बदसलूकी और लापरवाही का भी आरोप लगाया। ऐसा ही वाकया टिहरी निवासी 45 वर्षीय व्यक्ति के साथ भी हुआ।

यह था हॉस्पिटल का आंकड़ा

ओपीडी- 80-100

आईसीयू बैड- 13 बैड

भर्ती पेशेंट- 20 पेशेंट रोजाना

रुटीन पेंशेट- 568

आईसीयू के लिए कोरोनेशन था डिपेंड

कोरोनेशन हॉस्पिटल में पहुंचने वाले क्रिटिकल पेशेंट को आईसीयू न होने पर फोर्टिस में भर्ती कराया जाता था। इसके साथ ही यहां संचालित होने वाले बर्न वार्ड के गंभीर पेशेंट्स को भी यहां भर्ती कराया जाता था। अब फोर्टिस के बंद होने से कोरोनेशन हॉस्पिटल के क्रिटिकल पेशेंट्स कहां जाएंगे।

कहां जाएंगे कार्डियिक पेशेंट

कोरोनेशन हॉस्पिटल में उत्तराखंड के अलग-अलग जिले से लोग पहुंचते थे। बीपीएल कार्डधारकों को यहां ट्रीटमेंट मिलता था। जो पहाड़ाें के आर्थिक तौर से कमजोर लोगों का सहारा था। इसके साथ ही बीते दस साल से 568 से भी ज्यादा पेशेंट रुटीन के हैं जो जांच कराने के लिए रेगुलर यहां पहुंचते थे।

मेरी पत्नी के भी स्टेंट डाला गया है। अचानक यहां से डिस्चार्ज कर दिया गया। पता चला है कि पेशेंट की जांच नहीं हो रही है। अचानक फैसले ने हमको परेशानी में डाल दिया है।

नरेश कुमार गुप्ता, तीमारदार,

भगवानपुर से लाकर रविवार को पिताजी को भर्ती कराया था। बिना सूचना के अब यहां से डिस्चार्ज कर रहे हैं। हॉस्पिटल प्रबंधन का कहना है कि उन्हें दूसरे हॉस्पिटल में ले जाओ। अब हम उन्हें कहां ले जाएं।

रमेश, तीमारदार

मेरी सास का 2016 में ऑपरेशन हुआ था। इसके बाद से यहां लगातार हम जांच के लिए पहुंचते हैं। शनिवार को हम यहां लेकर आए थे। लेकिन अब डिस्चार्ज कर दिया। मैनेजमेंट बता रहा है कि यह बंद हो रहा है। अब हम कहां जाएं।

सुषमा, तीमारदार

फोर्टिस हॉस्पिटल मैनेजमेंट को कहा गया है कि वह 5-6 दिन तक यहां पेशेंट का ट्रीटमेंट कर सकते हैं ताकि पेशेंट को परेशानी न हो। लेकिन करार रिन्यू न होने के कारण वह यहां से खाली कर जा रहे हैं। जल्द ही दूसरी कार्डियक यूनिट शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

मनोज उप्रेती, सीएमएस कोरोनेशन हॉस्पिटल